प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकसभा क्षेत्र वाराणसी गंगा आरती या गंगा दर्शन के लिए दिव्यागों और बुजुर्गों को किसी के मदद की जरुरत नहीं है। क्लाइंबिंग चेयर पर बैठकर रोप-वे की तरह घाटों की ऊंची व खड़ी सीढ़ियां आसानी से उतर सकेंगे। केदार नाथ घाटी पर लगी  क्लाइंबिंग चेयर का शुभारंभ बीते दिन प्रदेश के मंत्री नीलकंठ तिवारी ने किया। घाट की ऊंचाई को देखते हुए, तीस मीटर के स्लाइडिंग चैनल पर तीन क्लाइंबिंग चेयर लगायी गयी हैं। इस दौरान उन्हों ने कहा कितीन और घाटों पर ऐसी चेयर इसी महीने लगाई जाएंगी।

महापौर मृदुला जायसवाल ने वितरित की चार छतरियां

गौरतलब है कि प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बड़े बदलाव की पहल उद्यमियों ने की है। पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स की ओर से तैयार किए गए प्रॉजेक्ट को मूर्तरूप देने का काम शुरू हो गया है। क्लाइंबिंग चेयर की सुविधा के साथ घाटों पर पंडों की पुरानी छतरियां बदलने का काम भी शुरू हो गया है। केदारघाट पर महापौर

घाट पर करीब छह लाख की लागत से लगी क्लाइंबिंग चेयर पर बैठने के लिए बेल्ट बांधनी होगी। स्लाइडिंग चैनल पर बैटरी से चलने वाली चेयर रोप-वे की तरह लोगों को घाट पर नीचे या ऊपर पहुंचाएगी। ठोकर न लगे इसलिए स्लाइडिंग चैनल सीढ़ियों के किनारे-किनारे लगाया गया है। केदारघाट के बाद राजेंद्र प्रसाद, शीतला घाट और पंचगंगा घाटों पर सबसे ज्यादा श्रद्धालु पहुंचने की संभावना देखते हुए अगले महीने तक यहां भी चेयर की सुविधा मिलेगी।

सभी घाटों के तकरीबन 150 छतरियों को बदलने की तैयारी

पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स के वाराणसी चैप्टर के संयोजक व प्रमुख उद्यमी अशोक गुप्ता ने बताया कि बनारस में पर्यटन सुविधाओं पर सीएसआर फंड के तहत करीब 500 करोड़ रुपये खर्च किया जाएगा। सभी घाटों की पुरानी करीब 150 छतरियां बदली जाएंगी। जिन घाटों पर वॉटर एटीएम की सुविधा है, वहां आसपास बॉयो टॉइलेट भी बनाए जाएंगे। गोदौलिया चौराहे से दशाश्वमेध घाट तक फ्री ई-कार्ट सेवा जल्द शुरू होगी।

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