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घोटाले में पूर्व मंत्री सलमान खुर्शीद की पत्नी के खिलाफ चार्जशीट होगी दाखिल

chargesheet allowed to file against salman khurshid wife

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कांग्रेस सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे सलमान खुर्शीद की पत्नी के ऊपर आर्थिक अपराध शाखा ने शिकंजा कस दिया है। राज्य के गृह विभाग ने लुईस खुर्शीद सहित अन्य के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल करने की अनुमति दे दी है। बता दें कि केंद्र में कांग्रेस सरकार के समय दिव्यांगों को उपकरण बांटने के नाम पर लूट का आरोप लगा है।

प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार ने बताया कि इस मामले में ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध शाखा) ने मार्च के अंत में अपनी रिपोर्ट सौंप कर चार्जशीट दाखिल करने की अनुमति मांगी थी। जिसके बाद पत्रावली का परीक्षण कर न्यायिक विभाग से राय ली गई और अब इसकी इजाजत दे दी गई है।

ट्रस्ट के माध्यम से लगाया था शिविर

बता दें कि लुईस खुर्शीद डॉ. जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट चलाती हैं। उन पर आरोप है कि 2010 में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा ट्रस्ट को 71.50 लाख रुपये का अनुदान दिया गया था। जिसमें दिव्यांगों का शिविर लगाकर उपकरण बांटने के लिए कहा था। ट्रस्ट की ओर से दावा किया गया कि फर्रुखाबाद के कायमगंज में कैंप लगाकर उपकरण बांटे गए।

स्थानीय लोगों की शिकायत पर दिया गया जांच के आदेश

इस मामले में स्थानीय लोगों ने उपकरण नहीं बांटे जाने की शिकायत की थी। जिसपर 2012 में प्रदेश सरकार ने यह मामला ईओडब्ल्यू को देते हुए जांच कराने का आदेश दे दिया। ईओडब्ल्यू ने अपनी जांच में ट्रस्ट द्वारा दावा किए गए कायमगंज में लगे शिविर को फर्जी पाया। शिविर के सत्यापन में तहसीलदार कायमगंज व चिकित्सा अधिकारी के हस्ताक्षर भी अभिलेखों में फर्जी पाए गए थे।

विभिन्न धाराओं में दर्ज कराया था मुकदमा

बता दें कि इस मामले में पिछले वर्ष जून में ही ईओडब्ल्यू ने कायमगंज कोतवाली में कूटरचित दस्तावेज तैयार करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। जिसमें आईपीसी की धारा 467, 468, 471 व 120 बी के तहत केस पंजीकृत कराया था। मार्च में जांच पूरी करते हुए ईओडब्ल्यू ने ट्रस्ट की संचालिका लुईस खुर्शीद व अन्य के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल करने की अनुमति प्रदेश सरकार से मांगी थी। बता दें कि इस मामले में आरोपी बनाए गए पूर्व मंत्री के निजी सचिव प्रत्यूष शुक्ला की मौत हो चुकी है।

पांच साल तक चली जांच

बता दें कि इस घोटाले का मामला उजागर होले के बाद ट्रस्ट के खिलाफ पांच साल तक जांच चली। आखिर में कूटरचित अभिलेख तैयार कर घोटाला करने का मामला उजागर हुआ था। जिसके बाद आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन उत्तर प्रदेश के इंस्पेक्टर ने कायमगंज कोतवाली में 10 जून 2017 को ट्रस्ट के कर्मचारी प्रत्यूष शुक्ल व अन्य के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसकी विवेचना आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन कर रहा है।

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