सूर्योपासना के महापर्व की उत्तर भारत समेत पूरे देश में चमक धमक दिखी। रविवार को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने के बाद आज सुबह उगते सूर्य को पानी में उतरकर महिलाओं ने अर्घ्य दिया और व्रत का समापन किया। पति और पुत्र की लंबी आयु के लिए रखे जाने वाले इस व्रत की उत्तर भारत व खासकर बिहार में ज्यादा भव्य दृश्य देखने को मिलता है। यहाँ तक की नेपाल में भी यह पर्व काफी लोकप्रिय है।

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जगह जगह घाट पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु इकठ्ठा हुए, जिसकी तैयारियां प्रशासन ने भी पहले से कर ली थी। सोशल मीडिया पर भी आज तस्वीरों की भरमार देखने को मिली, सभी ने अर्घ्य देते हुए अपने परिवार की तस्वीरें फेसबुक-ट्विटर पर पोस्ट की। जिसके साथ ही सूर्योपासना के सबसे बड़े पर्व छठ का समापन हो गया।

छठ पूजा पर तरह तरह के गानों को भी गाय जाता है, नाना प्रकार के लोकगीत भी इस दौरान घाटों पर गूँज रहे थे, पूरा माहौल ही भक्तिमय सा था। जब हम घाट से बाहर की ओर निकल रहे थे तब कुछ महिलाएं मधुर वाणी में यह गीत गा रही थी जिसके बोल कुछ इस प्रकार थे:

छोटी रे मोटी डोमिन बेटी के लामी लामी केश,
सुपवा ले आइहा रे डोमिन, अरघ के बेर
छोटी रे मोटी मालिन बेटी के लामी लामी केश,
फुलवा ले आइहा रे मलिन, अरघ के बेर ….!

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