उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजीव कुमार ने निर्देश दिये हैं कि ‘राष्ट्रीय ग्राम स्वाराज अभियान’ योजनान्तर्गत भारत सरकार से स्वीकृत 125.84 करोड़ रुपये के सापेक्ष पहली किश्त में प्राप्त धनराशि 52 करोड़ का उपयोग पारदर्शिता के साथ कराया जाये. उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायतों की ग्राम पंचायत विकास योजना बेहतर तरीके से बनाने हेतु पंचायत के प्रधानों, सदस्यों, कर्मियों तथा गांववार स्थानीय लोगों का टास्क फोर्स गठित कर उनके सदस्यों का माह नवम्बर के दूसरे सप्ताह से प्रशिक्षण प्रदान कराया जाना प्रारम्भ कर दिया जाये.

52 करोड़ का उपयोग पारदर्शिता के साथ कराया जाये:

  • मुख्य सचिव राजीव कुमार ने कहा कि योजना का और अधिक बेहतर क्रियान्वयन सुनिश्चित कराने के लिए सम्बन्धित कर्मियों सहित पंचायत प्रतिनिधियों को अन्य प्रदेशों में कराये जा रहे कार्यों की जानकारी उपलब्ध कराने के लिए एक्सपोजर विजिट करायी सुनिश्चित कराई जाये.
  • प्रदेश की लगभग 07 लाख कच्ची गलियों को पक्का कराने का कार्य प्राथमिकता पर किया जाये. उन्होंने कहा कि गांवों में स्थापित एक लाख हैण्डपम्पों के रिबोर तथा मरम्मत का कार्य
  • लगभग 3.40 लाख आंगनबाड़ी एवं विद्यालयों के शौचालयों का मरम्मत कार्य किया जाये. स्वीकृत कार्य निर्धारित मानक एवं गुणवत्ता के साथ आगामी 31 मार्च तक पूर्ण कराना सुनिश्चित कराया जाये.
  • पायलेट प्रोजेक्ट के रूप मेें प्रदेश के 05 जनपदों-गाजीपुर, बहराइच, मेरठ, इटावा तथा बांदा में आगामी माह जून तक कराया जाना सुनिश्चित किया जाये.
  • परिवार रजिस्टरों का डिजिटलाइजेशन का कार्य आगामी दिसम्बर, 2018 तक पूर्ण कराना सुनिश्चित किया जाये.
  • 25 जिला पंचायती राज प्रशिक्षण केन्द्रों को अगले 02 माह के अन्तर्गत क्रियाशील कराकर पंचायत प्रतिनिधियों एवं सम्बन्धित कर्मियों का प्रशिक्षण निर्धारित समय-सारिणी के अनुसार पूर्ण कराया जाये.
  • 10 जनपदों का परफार्मेंस ऑडिट तथा प्रदेश की 10 प्रतिशत ग्राम पंचायतों का सोशल ऑडिट भी कराया जाये.
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