यूपी सरकार ने बहुत कोशिशें की. कई बार टेंडर हुए लेकिन कोई भी कंपनी 190 रुपये में स्वेटर देने को तैयार नहीं हुई. मैरून रंग की क़रीब डेढ़ करोड़ स्वेटर बांटना बहुत बड़ी चुनौती थी। यूपी में कड़ाके की ठंड पड़ने लगी. पहली क्लास से लेकर आठवीं तक के बच्चे ठिठुरती ठंड में स्कूल आने को मजबूर थे. हर तरफ़ योगी सरकार के वादा न पूरा करने को लेकर आलोचना होने लगी.

थक हारकर यूपी सरकार ने नया फैसला लिया और तय हुआ कि लोकल बाज़ार से खरीद कर बच्चों को स्वेटर दिए जायेंगे। 6 जनवरी से ऐसा करने का आदेश जारी हो गया। महीने भर में सभी बच्चों को स्वेटर देने को कह दिया गया.

बेसिक शिक्षा मंत्री अनुपमा जयसवाल का दावा है कि क़रीब 50 लाख बच्चों को स्वेटर मिल चुका है। मतलब ये कि अभी डेडलाइन ख़त्म होने में 10 दिन ही बचे हैं लेकिन अभी तक सिर्फ़ एक तिहाई बच्चों को ही स्वेटर मिल पाया है। यानी एक करोड़ बच्चों को अब भी स्वेटर का इंतजार है.

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