चित्रकूट – प्रियंका गांधी वाड्रा का संबोधन-

चित्रकूट –

प्रियंका गांधी वाड्रा का संबोधन शुरू धन्यवाद आप सब आए हैं मेरी बातों के सुनने के लिए मैं भी आपकी बातों को सुनना चाह रही थी कि जैसे की ललितपुर में कर्ज में डूबे हुए किसान की खाद की लाइन में खड़े खड़े किसान की मौत हुई थी अच्छी बारिश आई थी थोड़ा संघर्ष करेंगे संघर्ष करते-करते वहां पर उनकी मृत्यु हो गई जब मैं वहां उनकी बेटी से मिली घर लौटते वक्त मैंने सोचा कि जो भी हो सबसे ज्यादा मुश्किल महिला पर ही होती है वह मां और बेटी अकेले के लिए क्या करें जो कमाने वाला था वह मर गया और उसका वजन महिला उठाती ढाई ₹100 का सरसों का तेल मिलता और इस सरकार ने एक मुफ्त का सिलेंडर दे दिया अब इसका काम खत्म हो गया अब आप भरवा कैसे पाएंगे। और यहाँ पांनी का अभाव है जो 10 परिवार एक नल पर निर्भर है उद्योगों का अभाव है रोजगार नहीं मिलते कोरोना के समय आप सब देखते हैं जितने भी यहां से प्रवासी परिवार थे कितने संघर्ष करके यहां आए हैं सरकार ने उस समय मदद नहीं की उस समय कोई बचा नहीं।एक महिला समझ सकती हैं चाहे कहीं से भी हो चाहे कितनी भी सक्षम हो समझते हैं आप चाहे कुछ भी करें आप करें काम करेंगे बाहर जाएंगे आपको जिम्मेदारी घर की लेनी पड़ेगी अगर आशा बहू काम करती हैं आंगनवाड़ी की महिला काम करती हो तो काम करने के बाद भी घर की जिम्मेदारी बच्चों की जिम्मेदारी इसीलिए ।

एक महिला ही राजनीति बना सकती हैं क्योंकि वह समझ सकती है एक महिला किस तरह संघर्ष कर रही है जब तक महिलाओं की पूरी भागीदारी नहीं होगी आधी भागीदारी होनी चाहिए 40% की भागीदारी हमने कही है तो एक शुरुआत है हम चाहते हैं कि आगे बढ़कर लोकसभा का चुनाव है आधी महिला ने राजनीति सब की आवाज बने जब तक हम खुद को बदलना न चाहेंगे कोई नहीं करेगा बहुत इंतजार हो गया एक कवि ने कहा था आपने सुना होगा सुनो द्रोपदी शस्त्र उठालो अब गोविंद ना आएंगे कब तक आस लगाओगी तुम लिखे हुए अखबारों से। इसका
क्या मतलब है इसका मतलब तुम्हारी लड़ाई लड़ने के लिए कोई नहीं है तब तक आस लगाओगे तुम्हारी आवाज कोई और नही उठाएगा मांग रही हो दुशासन दरबारों से मतलब तुम्हारा शोषण कर रहे थे वही आशा बहु को पुलिस ने महिला को पीटा है लखनऊ में । सिर्फ अपनी मांगे उठा रही थी और अपनी आवाज उठा रही थी पुलिस ने कहा हम तुम्हें गिरफ्तार कर लेंगे उसने कहा क्यों गिरफ्तार कर रहे हो । उसको काफी चोटे आई अभी तक मानदेय बढ़ाया नहीं गया अपनी मांगे बढ़ाने के लिए आवाज उठाई थी।

जब आप अपनी आवाज उठाते हैं तभी आप को आपको हक मिलेगा आपको अपने हक के लिए खुद लड़ना पड़ेगा । लड़की हूं लड़ सकती हू इसका मतलब यह नहीं कि आप घर जाकर पति से लडे इसका मतलब है कि आप अपनी लड़ाई खुद लड़े इतनी मजबूत महिलाएं बने एकजुट होकर।

अपना मन बना लीजिए आधी आप आबादी हैं एकजुट होकर राजनीति में आगे आइये आपको नहीं अपना हक मांग रही हैं आँख बंद कर महिला को वोट देना पड़ेगा वह महिला खड़ी रहेगी

राजनीति में आपकी भागीदारी सुनिश्चित है अब जो बहन कांग्रेस पार्टी ने की है उसको कोई नहीं कर सकता उसका कोई अंत नहीं हो सकता इस बार 40% महिलाएं लड़ेंगी कुछ महिलाएं हो सकता है सक्षम हो जाएंगी लड़ेंगी लेकिन राजनीति बहुत बड़ा समाज में परिवर्तन आएगा क्योंकि वही महिला अगली बार भी लड़ और ज्यादा सक्षम होकर लड़ेंगे अगली बार लड़ेंगे राजनीतिक दल नहीं होगा उनको रोक पाएगा सबको यही पहल करनी पड़ेगी सबको महिला को रख देना पड़ेगा ।

कुछ तो ऐसे कितने जिले हैं वह महिलाओं पुरुषों के लिए फायदा और कब होगा किसानो का करजा पूरा माफ करेंगे गेहूं और धान 25 सो रुपए में खरीदा जाएगा गन्ने का किसान ₹400 पाएगा आप के बड़े-बड़े बुलाते हैं काफी बहनों ने मुझे बताया कि बिजली नहीं आ रही लेकिन बिल जरूर आना जब बिजली के बिल हैं सबको पास करेंगे और वह काल में जो बकाया थे खास करके छोटे छोटे व्यापारी हैं छोटे दुकानदार हैं उन्होंने बिजली का बिल भरे हैं फिर भी उनके लिए पूरी तरह से बिल माफ करेंगे 2000000 सरकारी रोजगार जिसमें 40 महिलाओं को जान जाएं कोई भी बीमारी हो आपको कम से कम 10 लाख मुफ्त हिला दिया जाएगा सरकार द्वारा चाहे जो कोई भी कोई भी बीमारी होगी छात्राएं बैठी हैं उनको पता है।
छात्राएं बैठे हैं उनको पता है ऑनलाइन पोर्टल होते हैं और उसकी पढ़ाई के लिए और सुरक्षा के लिए अगर मोबाइल हाथ है आपके पास नहीं तो कोई भी उसी तरह से स्कूटी की स्कूटी की जो प्रतिज्ञा है भाई के लिए दूर जाना होता है महिलाओं के लिए बसों के लिए यात्रा करना पड़ता है उनके लिए।

कार्यक्रम के पहले से आरक्षण के प्रावधान है उनके अंदर महिलाओं के लिए उचित होगा महिलाओं के विधवा की पेंशन बहुत कम मिल रहा है ₹1000 तक बढ़ाना चाहते हैं आंगनवाड़ी उनके लिए ₹10000 का मानदेय इसके अलावा उसके ऊपर मिलेगा।

प्रदेश में हर जिले में कब तक ऐसे पाठशाला बनाना चाहते हैं जो केंद्रीय विद्यालय की तरह हो जाए जो लेकिन सिर्फ महिलाओं के लिए होंगे उसमें सिर्फ आपके पढ़ाई और अलग-अलग हुनर भी सिखाए जाएंगे आपको तैयार किया जाएगा कि आज आपको अच्छे-अच्छे रोजगार मिल सके और आप आगे बढ़े यह प्रतिज्ञा है महिलाओं के लिए।

तो देखिए डेढ़ साल से मैं यूपी में काम कर रही हूं आपकी तरह मुझे बहुत सारी बहनें बेटियां मिलती हैं आप सब संघर्ष कर रहे हैं मैं चाहती हूं कि आपकी संघर्ष में मैं शामिल हूं आपकी आवाज मरता हूं एकजुट होकर मैं चाहती हूं इस प्रदेश को बच्चे और समाज को और राजनीति को बदलें राजनीतिक में आजकल बहुत करोड़ का है आपने देखा लखीमपुर खीरी में क्या हुआ एक बड़े मंत्री के बेटे ने अपने जीत के पहियों के नीचे है किसानों को कुचल दिया आपने क्या देखा कि सरकार ने जिसने अत्याचार किया उसी की मदद की आज वही मंत्री प्रधानमंत्री की मंच में खड़े रहते हैं जोरा हिंसा है राजनीति में उसको खत्म करने के लिए महिलाओं की बहुत जरूरत है महिलाएं हम जैसे हम जैसे बच्चों को पालते हैं हम में करुणा होती है अपने बच्चों का ध्यान नहीं रखते इससे और और समस्या हो हम मदद करते हैं करुणा का भाव है सबका मदद करने आगे बढ़ाने का भाव महिला में ज्यादा होता है इसलिए यह करना भाव राजनीति में लाने के लिए महिलाओं को सक्षम बनाने के लिए करने के लिए बहुत जरूरी है सबको समझाया कि महिलाओं को एकजुट करके संभावना है आप मजबूत बनाइए उनके संघर्ष में शामिल होंगे ताकि हम ताकि राजनीति को बदलो समाज को बदलें पूरे देश को बदलता है आप सबको बहुत-बहुत धन्यवाद इंतजार किया।

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