चित्रकूट और मानिकपुर में अवैध खनन का काम जोरों से हो रहा है और पुलिस अधिकारी इस ओर ध्यान देना तो दूर शिकायत करने पर शिकायतकर्ता को ही धमकाने लगते हैं. ऐसे में योगी सरकार के अवैध खनन पर अंकुश लगाने की मंशा पर खुद अधिकारी ही पानी फेरने में लगे हुए हैं. 

मानिकपुर में हो रहा अवैध खनन:

जहाँ एक तरफ केंद्र सरकार अवैध खनन पर रोज तरह-तरह के नियम लागू करती है वहीं दूसरी तरफ प्रदेश की योगी सरकार भी पीछे नहीं है.
सरकार नये नये नियम कानून लागू कर रही है, मगर चित्रकूट जिले मे इसका कुछ भी प्रभाव दिखाई नहीं दे रहा है. सत्ता के पहरेदारो के आगे चित्रकूट जिले के अधिकारी कुम्भकरिणी नींद लेने को मजबूर है .
ऐसा ही एक उदाहरण देखने को मिलता है मानिकपुर तहसील के रैपुरा थाना क्षेत्र के अन्तर्गत आने वाले ग्राम पंचायत चरदहा, मदना, पावारी, लहरी, अगरहुँडा, खजुरीहा कला जैसे गावों में . इन आधा दर्जन गावों में इन दिनो अवैध खनन जोरो पर चल रहा है.
सम्बन्धित थाना के जिम्मेदार अधिकारी और खनन माफ़िया के बीच इतने गहरे सम्बन्ध है कि अगर ग्रामीण फोन करके शिकायत करे, तो उल्टा शिकायत करने वालों से ही पुलिस गाली गलौच करने लगती है.

ग्रामीणों की शिकायत पर धमकाया:

गाँव के ही ग्रामीण ही कुछ ग्रामीणों ने बताया की शिकायत करने पर हलका दरोगा शिशिर सिंह यादव धमकाते है.
ग्रामीणों आरोप लगाते हुए कहा, “दरोगा कहते हैं कि अगर रात में परेशान करोगे तो मै तुम्हारे ऊपर इतने मुकदमे लगा दूंगा, कि फोन करना भूल जाओगे.”
इस तरह से दरोगा की धमकी पर भला कौन ग्रामीण आवाज उठा पायेगा. अवैध खनन को रुकवाने के लिए गाँव वाले खुद को परेशानी में डालना नहीं चाहेंगे.
जबकि उच्चस्तरीय अधिकारी समय समय पर जिले में कार्यरत अधिकारियों को निर्देशित करते रहते है कि आम आदमी के साथ अच्छा व्यवहार करे, उनकी समस्याएं सुने. मगर रैपुरा थाना के कमाऊपूतों पर किसी भी अधिकारी के किसी भी आदेश का असर नहीं होता है. आखिर असर हो भी क्यों..?  खनन माफियाओं का साथ जो उनके साथ होता है.

योगी सरकार के मंसूबों पर पानी फेर रहे अधिकारी:

यूपी सरकार अवैध खनन और भूमाफियाओं को लेकर बेहद गंभीर है. राज्य की योगी सरकार पहले ही प्रशासनिक अधिकारियों को ऐसे अपराध पर कड़ाई करने का आदेश भी दे चुकी है. पर अधिकारियों के कानों तक शायद मुख्यमंत्री की आवाज नही पहुचीं है. इसकी का परिणाम है कि जिले में अवैध खनन का कार्य beधड़ल्ले से हो रहा है और पुलिस अधिकारी बेखुफ़ होकर खुद इन अवैध खनन में भागीदारी दे रहे हैं.
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