Uttar Pradesh News, UP News ,Hindi News Portal ,यूपी की ताजा खबरें
Uttar Pradesh

स्पेशल रिपोर्ट- डकैतों के गढ़ में “पाठा की पाठशाला”, पढ़ेगा चित्रकूट तो बढ़ेगा चित्रकूट

chitrakoot police organized school Stronghold of dacoits

chitrakoot police organized school Stronghold of dacoits

इस समय खाकी द्वारा बुन्देलखण्ड के बीहड़ इलाके पाठा में चलाई जा रही “पाठा की पाठशाला” मुहीम की जबरदस्त सराहना हो रही है । इस मुहीम ने आदिवासी इलाकों में शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने में अलग तरह की सफलता अर्जित की है । असल मायनो में इस पाठशाला ने खाकी के प्रति इन आदिवासियों की सोंच में काफी बदलाव किया है ।

इस पाठशाला के शिक्षक भी एक ख़ाकीधारक ही हैं ।

हमारा प्रयास सिर्फ इतना है कि इन आदिवासी इलाकों में शिक्षा के प्रति ग्रामीणों की जागरूकता हो जिससे वो अपने बच्चों को पढ़ाने हेतु स्कूल भेज सकें ।

पाठा की पाठशाला से डकैतो के हौसले हुए पस्त

  •  पाठा की पाठशाला कार्यक्रम के शुरू होते ही बीहड़ में हलचल मच गई है ।

  • कारण ये है कि ये डकैत कतई नहीं चाहते कि जंगल से सटे इलाको में शिक्षा की अलख जग सके ।
  • फिलहाल इस मुहीम ने आदिवासी इलाकों में शिक्षा के प्रति ग्रामीणों में जागरूकता बढाई है ।
  • जानकारों की मानें तो खाकी की इस पाठशाला से डकैतो का डीएनए बदल सकता है
  • यानी इस बीहड़ की अगली पीढ़ी शिक्षित होकर अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होगी ,जो कि सबसे बड़ा बदलाव होगा
इस मुहीम के कारण बड़ाहार गांव की चौथी पीढ़ी को मिलेगा का शिक्षा के अधिकार 
  •  आजादी के सत्तर बरस बीत जाने के बाद भी कई गांव ऐसे हैं जहां शिक्षा ,स्वास्थ्य एवं रोजगार की हालत आज भी पतली है ।
  • अगर कहें तो न के बराबर है ।
  • आश्यर्च होता है ये देखकर की कैसे ये इलाके विकास की मुख्य धारा से अलग हो गए ।
  • ऐसा ही एक गांव है चित्रकूट जिले के गढ़चपा ग्राम पंचायत का बड़ाहार का पुरवा ।
  • इस गांव में बिजली पानी के अलावा किसी तरह की मूलभूत सुविधा उपलब्ध नही है ।

ये दोनों सुविधाएं भी हाल ही में गांव वालों को नसीब हुई है ।

  • सबसे आश्चर्य चकित करने वाली बात ये है कि इस गांव की चौथी पीढ़ी आज भी स्कूल नही गई है।
  • क्योंकि इस विद्यालय में स्कूल है ही नही ।

  • लेकिन पाठा की पाठशाला कार्यक्रम के बाद इस गांव में रह रहे बच्चों में पढाई के प्रति खासी जागरूकता आई है।
  • बीते दिनों गांव नफीस एवं अवंतिका के नेतृत्व में गांव पहुंची पिरामिल फाउंडेशन की टीम ने ये डिसाइड किया है कि यहां इतनी जल्दी स्कूल तो सम्भव नही है लेकिन यहां डिजिटल क्लास लग सकती है।
  • यहाँ सम्भावना इसलिए भी ज्यादा है क्योंकि ये क्लास चित्रकूट की पहली ऐसी डिजिटल क्लास होगी जो खुले आसमान के नीचे चलेगी ।

  • ये टीम भी पाठा की पाठशाला कार्यक्रम में शरीक होने आई थी ।
  • आप अंदाजा नहीं लगा सकता कि एक ऐसी मुहीम कैसे बच्चो का भविष्य बना सकती है

क्यों खास है पाठा की पाठशाला

  • कहते हैं कि अगर एक पीढ़ी शिक्षित होती है तो आने वाली कई पीढियां बदल जाती हैं ।
  • ऐसा ही प्रयास पाठा की पाठशाला कार्यक्रम द्वारा खाकी कर रही है ।
  • ग्रामीण इलाकों में बच्चों को शिक्षा के प्रति जागरूक करने को लेकर चलाये जा रहे इस अभियान की सबसे खास बात यही है की ये बदलाव की बयार है

पाठशाला से होगी पाठा की पहचान

  • अपर पुलिस अधीक्षक बलवंत चौधरी के नेतृत्व में मानिकपुर के ऊँचाडीह ग्राम के मजरा अमरपुर में पुलिस ने लगाई पाठा की पाठशाला
  • निही गांव से शुरू हुई थी पाठा की पाठशाला जो कि लगातार हर गांव में जाकर पुलिस लगा रही है

  • पाठशाला इसी क्रम में आज शनिवार को पुलिस ने अमर पुर में लगाई पाठा की पाठशाला
  • इसी क्रम अपर पुलिस अधीक्षक बलवंत चौधरी ने बच्चों को स्कूल जाने के लिए प्रेरित किया और कहा कि अभिभावक की जिम्मेदारी है की अपने बच्चे को स्कूल भेजे।
  • दस्यु प्रभावित गांवों पुलिस की इस मुहिम से आदिवासी को जागरूक करना है
  • अपर पुलिस अधीक्षक ने बच्चों को पठन पाठन कराया और पढ़ाई की सामग्री दी गई
  • पुलिस अधीक्षक ने अभिभावकों की भी ली क्लास पाठ शाला में लगभग 50 बच्चे मौजूद रहे ।
  • पुलिस का मुख्य उद्देश्य शिक्षा के माध्यम अपराध में नियंत्रण करना ही ।

पढ़ेगा चित्रकूट तो बढ़ेगा चित्रकूट

मुहीम की शुरुआत करने वाले मानिकपुर थानाप्रभारी केपी दुबे –

  • थाना मानिकपुर और थाना मारकुंडी का क्षेत्र पाठा के नाम से जाना जाता है।
  • अत्यंत ही गरीब और अशिक्षित क्षेत्र है ।
  • पहले काफी गैंग यहां पर चलते थे उनका विनाश हुआ ।
  • अभी कुछ शेष है  जिनके खिलाफ कठोर  कार्यवाही चल रही है मन में एक जिज्ञासा आई
  • यहां की शिक्षा व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त किया जाए ।
  • हमारे पत्रकार अनुज हनुमत और उनके सहयोगियों से वार्ता हुई इस योजना को अपने लोकप्रिय पुलिस अधीक्षक महोदय को बताया .
  • मनोज कुमार झा से अपर पुलिस अधीक्षक महोदय और क्षेत्राधिकारी मऊ इश्तियाक अहमद से विचार विमर्श किया
  • अनुमति लेकर हर गांव में पाठा की पाठशाला लगाया जो बच्चे स्कूल नहीं जा रहे हैं उनका नामांकन कराया
  • तीन तीन, चार-चार घंटे अथक परिश्रम करके उन्हें पढ़ाया लिखाया जा रहा है और कॉपी किताब उन्हें मुहैया कराई जा रही हैं ।
  • उद्देश्य है जब बच्चे शिक्षित होंगे तो समाज की मूल धारा में रहेंगे और देश के विकास में अपनी अग्रणी भूमिका निभाएंगे ।
  • इस उद्देश्य से हम लोगों ने पाठा की पाठशाला का आयोजन किया है
  • बच्चों को शिक्षित कर रहे हैं ताकि यह बच्चे बड़े बनकर देश के विकास में लगे न कि अपराध जगत की तरफ बढ़े ।
  • अपराध को जड़ से समाप्त करना है इस देश से हम लोग यह कार्यक्रम कर रहे हैं।
  • आशातीत अत्यंत ही सफलता मिल रही है लोग बढ़-चढ़कर इसमें हिस्सा ले रहे हैं.

पाठा की पाठशाला” एक पाठशाला ही नहीं अपितु एक ऐसी सोच है

  • जो पाठा क्षेत्र के आदिवासी समाज के मुख्यधारा से कटे हुए,अशिक्षित ऐसे परिवारों को समाज की मुख्यधारा में जोड़ने व अपराधों से दूर रखने के लिए पाठा पुलिस और पत्रकार बंधुओं का एक ऐसा साझा प्रयास व मुहिम है
  • जो आदिवासियों के दूरस्थ गांव में जा जाकर उनको शिक्षा के महत्व को विशेष रूप से बताया जा रहा है
  • उनको यह जानकारी दी जा रही है कि उनकी बदहाली को दूर करने का एकमात्र तरीका शिक्षा ही है।
  • वे अपने बच्चों को शिक्षित करके उनको समाज की मुख्यधारा में जोड़ सकेंगे
  • साथ ही  उनको रोजगार के अवसर उपलब्ध हो सकेंगे,
  • जिससे वह अपनी गरीबी और बदहाली को दूर कर सकते हैं।
  • आदिवासी इलाकों में अशिक्षा की वजह से बहुत सारे युवा आए दिन कोई न कोई अपराध करते रहते हैं
  • जिससे समाज में अव्यवस्था फैलती है तथा कुछ युवा गैंग आदि खड़ी कर बड़े पैमाने पर अपराध कारित करते हैं।
  • इस अभियान के माध्यम से पुलिस व पत्रकार बंधुओं का एकमात्र उद्देश्य अशिक्षा को दूर करना लोगों को अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित करना, उन्हें अपराध से दूर रखना है।

जहां आज हम बुलेट ट्रेन का सपना देख रहे हैं हम विश्व शक्ति बनने का प्रयास कर रहे हैं

  • वही आज और बुंदेलखंड का पाठा क्षेत्र के आदिवासी गांव आज भी सैकड़ों साल पीछे हैं।
  • बच्चे स्कूल नहीं जाते, मां बाप के साथ जंगलों में लकड़ियां काटते हैं
  • पढ़ाई से उनका दूर-दूर तक कोई नाता नहीं है।
  • मां बाप की सोच इतनी नहीं है कि उनके बच्चे पढ़ लिख कर नौकरी कर सकते हैं और अपना भविष्य बेहतर बना सकते हैं

पाठा की पाठशाला के मुख्य शिक्षक एसआई दीपक कुमार

  • पाठा की स्थिति बहुत खराब है ऐसे में यहां शिक्षा व्यवस्था का मजबूत होना बहुत आवश्यक है ।
  • हमारे पत्रकार अनुज हनुमत के मन में एक विचार आया की आदिवासी बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित करके उनके आने वाले कल को सुनहरा बनाया जा सकता है
  • अपनी इसी सोच के साथ अनुज हनुमत ने मानिकपुर थाने के लोकप्रिय प्रभारी निरीक्षक केपी दुबे से मुलाकात की और अपनी इस सोच को प्रभारी निरीक्षक के सामने रखा।

विदित हो कि प्रभारी निरीक्षक ने पिछले 15 महीनों से पाठा क्षेत्र को  पुलिस अधीक्षक महोदय के कुशल नेतृत्व में लगभग दस्यु विहीन कर दिया है।

  • प्रभारी निरीक्षक ने अनुज हनुमत के जनमत के इस विचार से काफी प्रभावित हुए
  • दस्यु प्रभावित गांवों में अपनी टीम के साथ जा जा कर के वहां के लोगों से अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित कर रहे हैं,
  • बच्चों को कॉपी पेंसिल आदि वितरित कर रहे हैं।
  • पुलिस की इस पहल “पाठा की पाठशाला” का तात्कालिक असर यह हुआ कि आदिवासी लोग अपने बच्चों को स्कूल भेजने लगे
  • दशकों से चली आ रही पुलिस और लोगों के बीच की खाई को पाटने में भी पाठा की पाठशाला का बहुत बड़ा योगदान है
  • बतौर शिक्षक मेरा अनुभव भी शानदार रहा
  • क्योंकि मैं पुलिस की नौकरी से पहले भी शिक्षक के पद पर कार्यरत था इसलिए मुझे बच्चो से खासा लगाव था ।
  • हमारी पाठशाला लगातार चल रही है और हमने अब ये ठान लिया है कि कोई भी बच्चा स्कूल से दूर न रहे ।
  • सब बढ़े सब पढ़ें । तभी तो पढ़ेगा चित्रकूट बढ़ेगा चित्रकूट”

  शेषमणि पांडेय ,जिलाधिकारी चित्रकूट का बयान :-

  • पाठा की पाठशाला कार्यक्रम काफी कारगर साबित हो रहा है
  • अब खाकी की मुहीम के साथ शिक्षा विभाग की टीम भी तेजी से लगी हुई है ।
  • मेरा भी समस्त जिलेवासियों से यही निवेदन है कि अपने बच्चों को स्कूल जरूर भेंजे ।
  • क्योंकि जब पढ़ेगा चित्रकूट तभी बढ़ेगा चित्रकूट”

  मनोज कुमार झा, पुलिस अधीक्षक ,चित्रकूट  का बयान :-

  •  पाठा क्षेत्र में ये मुहीम काफी कारगर साबित हो रही है ।
  • ये डकैत प्रभावित इलाका रहा है और यहां शिक्षा की भारी कमी है खासकर कोल आदिवासियों के बीच ।
  • हमारी मुहीम उन ग्रामीण इलाकों में खासा ध्यान दे रही है जहां आदिवासी समुदाय रह रहा है ।
  • इस मुहीम से भविष्य में डकैतो की समस्या से इस पाठा को पूर्ण रूप से छुटकारा मिल सकता है ।

रिपोर्ट :- अनुज हनुमत

[penci_related_posts dis_pview=”no” dis_pdate=”no” title=”UP News” background=”” border=”” thumbright=”no” number=”4″ style=”list” align=”none” withids=”” displayby=”recent_posts” orderby=”rand”]

Related posts

उन्नाव आसीवन पुलिस का सराहनीय कार्य

Desk
3 years ago

गोरखपुर के गोरक्षनाथ मंदिर की तर्ज पर मकरसंक्रांति पर द्वादश ज्योतिर्लिंगों में सर्वोपरी काशी विश्वनाथ मंदिर में भी मना पहली बार खिचड़ी महोत्सव, वाराणसी में मकर संक्रांति के अवसर पर श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में व्यापक स्तर पर बाटी गई खिचड़ी, बाबा विश्वनाथ को खिचड़ी भोग लगाकर करीब 5 कुंटल खिचड़ी को श्रद्धालुओं में किया गया वितरण, बाबा दरबार मे खिचड़ी खाकार खुश हुए श्रद्धालु।

Ashutosh Srivastava
6 years ago

यूपी : सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा में सेंध लगा रहे 20 गिरफ्तार

Sudhir Kumar
5 years ago
Exit mobile version