राजधानी सहित प्रदेश के सरकारी अस्‍पताल कहने को तो गरीब रोगियों को निशुल्‍क चिकित्‍सा दिलाने के लिए खुले हैं .यहां गरीब रोगियों को इलाज मिलने के लिए तमाम परेशानियों का सामना भले ही करना पड़ता हो लेकिन, वीआईपी रोगियों के लिए  यहाँ लाखों रुपए की विशेष सुविधाएं उपलब्‍ध कराई जाती हैं.हजरतगंज के सिविल अस्‍पताल में अमीर व्‍यक्तियों के बीमार होने पर उनके लिए लगभग 25 लाख रुपए की तमाम सुविधाओं व उपकरणों से लैस एंबुलेंस मौजूद है. जिसे महज वीआईपी  रोगियों के लिए रखा गया है जबकि दूसरी ओर इस अस्‍पताल में गरीब रोगियों को स्‍ट्रेचर तक मुहैया नहीं होता है.

वीआईपी मरीजों के लिए 25 लाख की एंबुलेंस

  • बेहतरीन स्वस्थ सुविधाओं का दावा करने वाली सरकार मरीजों कि परेशानियां नहीं देख पा रही है .
  • सरकारी अस्पतालों में आये दिन मरीजो के साथ लापरवाही और बदसलूकी कि जाती है.
  • वही दूसरी अमीर और वीआईपी मरीजों के लिए हर सुविधा उपलब्ध करायी जाती है.
  • इसके लिए चाहे अस्पताल के किसी और बजट को हे क्यों न खली करना पड़े.
  • ऐसा ही कुछ एम्बुलेंस के मामले में भी सिविल अस्पताल में है.
  • हजरतगंज के सिविल हॉस्पिटल में मरीज का स्टेटस देख कर एम्बुलेंस मुहय्या करायी जाती है.
  • अमीर और वीआईपी मरीजों के लिए यहाँ 25 लाख की एंबुलेंस मौजूद है.
  • जबकि आम रोगी के परिजन स्‍ट्रेचर के अभाव में रोगियों को हाथों में उठाकर अस्पताल तक लाते हैं.

क्‍या हैं एंबुलेंस में सुविधाएं

  • करीब 18 लाख की वातानुकूलित फोर्ड इंडेवर को एंबुलेंस का रूप दिया गया है।
  • इसमें ऑक्‍सीजन सिलिंडर, मॉनीटर, डॉक्‍टर, एक नर्स, वार्ड ब्‍वॉय व सुविधाजनक आरामदायक बिस्‍तर मौजूद है।
  • यह एंबुलेंस नीली बत्‍ती जलाकर फर्राटा भरते हुए महज कुछ ही देर में अस्‍पताल की चौखट पर वीआईपी मरीजों को पहुंचा देती है.
  • ताकि उन्‍हें किसी तरह की परेशानी न हो।
  • अस्‍पताल प्रशासन का कहना है कि आम मरीजों के लिए ओपीडी में एक काउंटर बनाया गया है.
  • जहां जाकर कोई भी अपने मरीज के लिए स्‍ट्रेचर या व्‍हील चेयर ले सकता है।
  • अस्‍पताल में करीब 12 स्‍ट्रेचर और 14 व्‍हील चेयर मौजूद हैं।
  • कुछ लोग स्‍ट्रेचर के लेने नहीं आते ऐसे में वह हाथ में ही मरीज को लेकर इमरजेंसी में आ जाते हैं।
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