लखनऊ :एक्‍स–रे विकिरण कितना घातक है यह शायद हर आम आदमी जानता है लेकिन, यह बात शायद राजधानी के हजरतगंज स्थित सिविल अस्‍पतालों के एक्‍स-रे टेक्‍नीशियनों को नहीं पता तभी तो वे कमरे को खोलकर बिना ड्रेस पहने परिजनों के सामने एक्‍स-रे कर रहे हैं. दिलचस्‍प  तो यह कि यह सब अस्‍पताल प्रशासन की आंखों के सामने होता है लेकिन उन्‍हें भी इसकी परवाह नहीं है.

जरूरी होने पर ही डॉक्टर लिखते हैं एक्‍स–रे जांच

  • सिविल अस्‍पताल के एक्‍स-रे रूम में आपको हमेशा भीड़ मिलेगी.
  • मरीज के साथ इस रूम में आपको तीमारदार भी दिख जायेगे.
  • इसका कारण है कि एक्‍स-रे रूम के दोनों दरवाजे हमेशा खुले ही रहते हैं.
  • ऐसे में यहां से कोई भी आसानी से आ जा सकता है।
  • जिसके चलते आने जान वालों पर पर भी यह घातक विकिरण अपना असर डालती हैं.
  • लेकिन उन्‍हें उस वक्‍त उसका पता नहीं चलता है.
  • जबकि डॉक्टर्स जरुरी होने पर ही मरीज को ये जांच लिखते हैं .
  • इसकी वजह है कि इससे निकलने वाली हानिकारक किरणें.
  • जो कि स्वस्थ मनुष्‍य को रोगी बना सकती हैं.
  • इसलिए सभी अस्‍पतालों में एक बंद कमरे के अंदर एक्‍स–रे जांच का प्रावधान है.
  • यह बात अलग है कि इस नियम को मानने वाले इक्‍का दुक्‍का ही हैं.

एक्‍स–रे क्यों है घातक

  • विशेषज्ञ बताते हैं कि एक्‍स–रे के दौरान निकलने वाली हानिकारण किरणें सभी के लिए नुकसानदायक हैं.
  • टेक्‍नीशियन, मरीज और तीमारदार सभी को इससे बचने की जरूरत होती है.
  • खुले में एक्‍स-रेअत्‍यंत घातक है.
  • एक्‍स-रे रेडिएशन से कैंसर, बांझपन, बालों का झड़ना, नौसिया जैसी रोग की संभावना रहती है.
  • इन हानिकारक विकिरणों से थायराइड का खतरा रहता है.
  • थायराइड ग्रंथि अति संवेदनशील होती है यहां पर रेडिएशन का असर होने पर समस्‍या हो सकती है.
  • बच्‍चों का एक्‍स-रे कराने के लिए यदि परिजन का होना जरूरी है तो उन्‍हें लेड कवर पहनाया जाना चाहिए.
  • ताकि उन पर विकिरण का कोई असर न हो.
  • गर्भवती महिलाओं को एक्‍स-रे कक्ष में प्रवेश नहीं देना चाहिए.
  • इससे गर्भस्‍थ शिशु को समस्‍या हो सकती है.
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