उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले के गंगा तट पर माँ दुर्गा के रूप माने जाने वाली छोटी छोटी कंजिकाओं का बीते दिन पूजन हुआ. उनके पूजन के साथ ही स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया गया.

पर्यावरण संरक्षण का संदेश लेकर आती हैं देवी दुर्गा

शारदीय नवरात्र की नवमी पर गुरुवार को शक्ति की अधिष्ठात्री देवी जगदम्बिका को साक्षी मानकर स्वच्छता का संदेश देती कंजिकाओं का पूजन अर्चन किया गया।

नमामि गंगे द्वारा दशाश्वमेध घाट पर माता शीतला के प्रांगण में नौ देवियों के स्वरुप में कुंवारी कन्याओं का विधि विधान से पूजन किया गया और भोग-प्रसाद ग्रहण कराकर, उपहार देकर आशीर्वाद प्राप्त किया गया।

माँ दुर्गा स्वरूपा माँ गंगा की आरती उतारी गयी। लाउडस्पीकर द्वारा स्वच्छता बनायें रखने के लिए अपील करते हुए संयोजक राजेश शुक्ला ने बताया कि संपूर्ण विश्व इन दिनों पर्यावरण संकट के दौर से गुजर रहा है।

भारत ही नहीं विश्व भर में पर्यावरण संरक्षण को लेकर तरह-तरह के अभियान चलाए जा रहे हैं। वर्तमान परिवेश में गंगा का संरक्षण अनिवार्य ही नहीं बल्कि अपरिहार्य हो गया है।

जिस घर में होती है स्वच्छता, वहां निवास करती हैं माँ दुर्गा:

नवरात्र में भवानी स्वच्छता का संदेश लेकर ही आती हैं। कोई भी पूजा मन, वचन, कर्म की शुद्धि और स्वच्छता से ही पूरी होती है.

देवी उसी घर में वास करती हैं, जहां आतंरिक और बाह्य शुद्धि हो। स्वच्छता धर्म है।

इसलिए, हर पूजा पद्धति में यह सर्वोपरि है। शरीर, वस्त्र, पूजा स्थल आसन, वातावरण,शुद्ध हो, कहीं गंदगी न हो, माँ दुर्गा स्वच्छता का ही सन्देश देती है।

हम सब पर्यावरणीय साक्षरता की इस मुहिम से जुड़ कर घर-घर तक स्वच्छता का संदेश दे।

गंगा और घाटों को प्रदूषण मुक्त और स्वच्छ रखने का संदेश पहुंचाए, क्योंकि जागरूकता, सफलता की ओर उठने वाला पहला कदम होता है।

इन लोगो ने किया कार्यक्रम को आयोजन

आयोजन में महानगर संयोजक शिवदत्त द्विवेदी, सह संयोजक शिवम अग्रहरि, अमन गुप्ता, राजेश शुक्ला गंगा सेवक, संयोजक नमामि गंगे काशी क्षेत्र, हिमांशु अग्रहरि, रामप्रकाश जायसवाल, रमेश चौहान, मोहनराव आदि उपस्थित रहे।

UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें