उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में ज्यादा वक्त नहीं रह गया है। इसके बावजूद सत्ताधारी दल समाजवादी पार्टी में चल रहा सियासी संग्राम ख़त्म होने का नाम नहीं ले रहा है। खुद सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव भी इस मामले को सुलझाने में असफल होते दिख रहे है। पार्टी को है मुश्किल हालातो से उबार कर आगे लाने वाले मुलायम अब भाई और बेटे के बीच फंस कर रह गए है।

अखिलेश नहीं उठाते मेरा फ़ोन :

  • बीते दिन सपा सुप्रीमो से उनके आवास पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और पुराने मित्रो ने मुलाक़ात की।
  • मुलायम सिंह ने साथियो से कहा कि जिस पारी को खून पसीने से इस मुकाम पर लाये, उसे इस हालात में देख कर दुःख होता है।
  • इस दौरान उन्होंने अपने भाई रामगोपाल यादव के लिए भी अपनी नाराजगी जाहिर की।
  • उन्होंने कहा कि रामगोपाल अलग पार्टी बनाने में लगा हुए है तभी चुनाव आयोग तक पहुँच गए थे।
  • मुलायम सिंह सीएम अखिलेश यादव की बात करते वक्त भावुक हो गए।

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  • वे बोले कि अखिलेश अब इतने बड़े हो गए है कि मेरा भी टेलीफ़ोन नहीं उठाते है।
  • सपा के जो नेता मुझसे मिलते है वे उससे नाराज हो जाते है।
  • विवादित चिठ्ठी लिखने वाले एमएलसी उदयवीर पर मुलायम ने कहा कि उसे तुरंत पार्टी से बाहर करो।
  • बैठक में मौजूद सभी वरिष्ठ नेता भी इस मुद्दे पर उनसे सहमत थे।
  • इसके बाद शिवपाल यादव ने राज्य कार्यकारिणी की बैठक बुलाकर उदयवीर सिंह को 6 साल के लिए पार्टी से बर्खास्त कर दिया।

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