सपा प्रमुख मुलायम सिंह ने आज सीएम अखिलेश यादव और प्रो. राम गोपाल यादव को पार्टी से 6 साल के लिए निकाल दिया है। इसके बाद अखिलेश समर्थक सीएम आवास के बाहर जमा हो गए है। सर्मथक प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं। साथ ही शिवपाल यादव को पार्टी से निकालने की मांग हो रही है।

अपने चहेते सीएम अखिलेश यादव के हटाए जाने से उनके समर्थकों में रोष व्याप्त है। हजारों की संख्या में सीएम सर्मथक अखिलेश और मुलायम सिंह के घर के बाहर जमा हो गए हैं। साथ ही सपा प्रमुख से अपना फैसला वापस लेने की मांग कर रहे हैं। वहीं समर्थक इसके पीछे अमर सिंह और प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव का हाथ होने का आरोप लगा रहे हैं। समर्थकों का कहना है कि अखिलेश इन लोगों की साजिश का शिकार हुए है। अखिलेश का ध्यान केवल विकास कार्यों में था। लेकिन शिवपाल ने सत्ता के लिए उनके पीठ पीछे गंदी राजनीति की चाल चली। अखिलेश के साथ उनके समर्थक खड़े है, और उनका कहना है कि यदि अखिलेश दूसरी पार्टी बनाते है, तो वह सभी उनके साथ ही रहेंगे। प्रदर्शन कर रहे समर्थकों का कहना है कि मुलायम सिंह ने शिवपाल यादव के बहकावे में आकर अपने ही बेटे के खिलाफ बेवजह कार्रवाई की है। उनका कहना है कि अखिलेश यादव को निकाले का खामयाजा मुलायम और पार्टी दोनों को भुगतना पड़ेगा। मुलायम सिंह केवल प्रो. रामगोपाल यादव को चेतावनी देना चाहते थे। लेकिन शिवपाल के दबाव में मुलायम सिंह ने पहले प्रो. रामगोपाल यादव को पार्टी से निकाला। फिर सीएम को चेतावनी देने के मुड बैठे मुलायम सिंह को शिवपाल ने अपनी बातों में ले लिया। जिसके बाद सीएम को दी जाने वाली चेतावनी उनके निष्कासन में बदल गई। अखिलेश समर्थकों की मांग है कि अखिलेश का निष्कासन वापस लिया जाए। वरना पार्टी को डूबने से मुलायम और उनके भाई शिवपाल यादव भी नहीं बचा पाएंगे।

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