बीते दिनों अपनी 4 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे शिक्षामित्रों ने अपना मुंडन करवा कर दिया था. इसमें बड़ी संख्या में महिला शिक्षामित्रों ने अपनी मांगों के लिए अपने बालों का बलिदान कर दिया था. जिसके बाद अब मुख्यमंत्री योगी ने शिक्षामित्रों की समस्याओं का समाधान निकालने के लिए 4  सदस्यीय कमेटी का गठन किया है. बता दें कि डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा की अध्यक्षता में गठित इस कमेटी में बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी शामिल हैं. 

प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी सरकार ने शिक्षामित्रों की समस्याओं का समाधान निकालने के लिए एक चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया है. कमेटी डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा की अध्यक्षता में गठित की गयी है जिसमें बेसिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रभात कुमार सहित अन्य अधिकारियों को शामिल किया गया है.

गठित कमेटी इन मुद्दों पर देगी राय:

डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा की अध्यक्षता में गठित 4 सदस्यीय कमेटी शिक्षामित्रों की सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति,

-विशेष बीटीसी कराने,

-मानदेय बढ़ाने सहित अन्य मुद्दों पर अपनी राय देगी.

वर्तमान मानदेय 10 हजार:

बता दें कि सरकार ने शिक्षामित्रों की समस्याओं को गम्भीरता से लेते हुए उनका मानदेय पहले ही बढ़ा दिया था. सरकार ने ही शिक्षा मित्रों का मानदेय बढ़ाकर 10 हजार रुपये किया है. शिक्षामित्रों को उनके मूल विद्यालय में तैनाती के आदेश दिए हैं. इतना ही नहीं शिक्षामित्रों को तैनात करने के लिए सरप्लस सहायक अध्यापकों को दूसरे जिले में स्थानांतरित करने के निर्देश दिए हैं. 68,500 सहायक अध्यापकों की भर्ती में भी बोनस अंक दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि शिक्षामित्रों की इस हालत के लिए पूर्ववर्ती सपा सरकार जिम्मेदार है.

शिक्षामित्रों ने करवाया मुंडन:

बता दें कि बीते दिन शिक्षामित्रों ने धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान जान गंवाने वाले 700 शिक्षामित्रों की याद में मुंडन, तर्पण और जनेऊ त्याग किया गया. जिनमें बड़ी संख्या में महिला शिक्षामित्रों ने मुंडन करवाया वहीँ पुरुष शिक्षामित्रों ने जनेऊ उतार कर प्रदर्शन किया. शिक्षामित्रों के इस आंदोलन के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उप मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में कमेटी गठित करने के निर्देश दिए.

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समायोजन रद्द हुए एक साल पूरा:

गौरतलब है कि 25 जुलाई 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने यूपी के प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापक बनाए गए 1.70 लाख शिक्षामित्रों के समायोजन को असंवैधानिक करार दिया था. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद लाखों शिक्षामित्र निराश हुए थे.

सैकड़ों शिक्षामित्रों ने आत्महत्या कर ली थी. फैसले के बाद लखनऊ के लक्ष्मण मेला ग्राउंड पर 38 दिनों तक लगातार धरना प्रदर्शन का दौर चला था. बता दें आंदोलन के दौरान अब तक 700 से ज्यादा शिक्षामित्रों की जान जा चुकी है.

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