केंद्र की बीजेपी सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों के लिए बहुत सी योजनाओं की शुरुआत की, बिजली, पेयजल, पेंशन, छात्रवृत्ति से लेकर स्वास्थ्य संबधी कई योजनाओं की शुरुआत हुई और बीमा योजना की भी शुरुआत प्रधानमंत्री द्वारा की गई लेकिन इन योजनाओं का अपेक्षित लाभ देश की जनता को मिलता रहे, अब इसको लेकर विभिन्न राज्यों खासकर बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने इसकी पड़ताल करनी शुरू की है. इसीक्रम में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केंद्र द्वारा राज्यों में चल रही अनेक योजनाओं की जानकारी मांगी और उनकी प्रगति की समीक्षा की.

सीएम पीएम की योजनाओं की प्रगति की समीक्षा कर रहे सीएम योगी 

मुख्यमंत्री ने भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की. केन्द्र सरकार से धनराशि रिलीज करवाने या अन्य समस्याओं के निदान के लिए अधिकारी सम्बन्धित मंत्रालय से सम्पर्क करें. मुख्यमंत्री ने कहा कि उज्ज्वला योजना के तहत वर्ष 2022 तक 1.25 करोड़ से अधिक कनेक्शन दिये जाएं.

अधिकारियों को निर्देश, योजनाओं को जनता के बीच पहुंचाएं

मुख्यमंत्री ने प्रत्येक गैस एजेंसी के बाहर प्रधानमंत्री के चित्र वाला बोर्ड स्थापित करते हुए उस पर इस योजना के लाभार्थियों को सभी आवश्यक सूचनाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने सभी विकास प्राधिकरणों के उपाध्यक्षों की बैठक बुलाने के निर्देश दिए. ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छ शौचालयों के निर्माण में तेजी लाने के निर्देश दिए गए. ओ0डी0एफ0 के तहत बनने वाले शौचालयों के इस्तेमाल के लिए लोगों को प्रेरित किया जाए.

पेंशन योजना पर भी सीएम का ध्यान

सीएम योगी ने डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर योजना हेतु आधार से लिंक करने की योजनावार प्रगति की समीक्षा भी की. सीएम योगी ने निर्देश दिया है कि सभी सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों को आधार से लिंक किया जाए. विभिन्न पेंशन योजनाओं के लाभार्थियों को आधार से लिंक करते हुए उनकी पेंशन उनके बैंक खातों में डी0बी0टी0 के जरिये समय से पहुंचाने के निर्देश दिए गए हैं. बुन्देलखण्ड में पेयजल की किल्लत से निपटने के लिए कार्ययोजना बनाने के निर्देश जारी किये गए हैं.

लोकसभा चुनाव के मद्देनजर विकास कार्यों की समीक्षा जारी

बता दें कि आगामी लोकसभा चुनाव बीजेपी के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होने जा रहा है. ग्रामीण क्षेत्रों के इल्ये योजनाओं की शुरुआत करने और उनको अमलीजामा पहनाने की कोशिश की जा रही ताकि इन मुद्दों के सहारे चुनाव में प्रचार किया जाये. वहीँ चुनाव में योगी आदित्यनाथ की सरकार की कार्यशैली को भी विकास के पैमाने पर रखकर उसे देखा जाने वाला है और ऐसे में सीएम योगी आदित्यनाथ किसी भी प्रकार की लापरवाही अपनी तरफ से नहीं करना चाहेंगे जो कि शीर्ष नेतृत्व की नाराजगी का सबब बने.

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