उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार सुबह पुलिस स्मृति दिवस 2018 पर रिजर्व पुलिस लाइन लखनऊ में शहीद पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ओपी सिंह के साथ योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री ब्रजेश पाठक, महेंद्र सिंह, मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडेय, प्रमुख सचिव अरविंद कुमार सहित कई मंत्री और पुलिस अधिकारी, पुलिसजन इस मौके पर मौजूद थे। शोक परेड की कमांडिग वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक लखनऊ कलानिधि नैथानी ने की। एसएसपी के साथ द्वितीय कमांडर के रूप में पुलिस अधीक्षक ग्रामीण डॉ. गौरव ग्रोवर मौजूद थे। शोक परेड के दौरान उत्तर प्रदेश की 12 टुकड़ियां मौजूद थी। इनमें पीएसी, पुलिस, यातायात, एटीएस, एसटीएफ, एसडीआरएफ, अग्निशमन, प्रमुख रूप से मौजूद रहीं।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]भारत देश के 414 में यूपी के 67 जवान एक साल में शहीद हुए- डीजीपी [/penci_blockquote]
स्मृति दिवस के मौके पर डीजीपी ओपी सिंह रविवार सुबह 08:18 बजे पुलिस लाइन पहुंचे। इसके बाद डीजीपी ने शोक परेड की सलामी ली। सुबह 8:30 बजे कार्यक्रम स्थल पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहुंचे। इसके बाद पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर यूपी के डीजीपी ओम प्रकाश सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि एक सितंबर 2017 से 31 अगस्त 2018 तक सम्पूर्ण भारत में 414 पुलिसकर्मियों ने कर्तव्य की वेदी पर अपनी जान न्योछावर कर दी। इनमें उत्तर प्रदेश के के 5 उपनिरीक्षक, एक सहायक उपनिरीक्षक (एम), 18 मुख्य आरक्षी, एक लीडिंग फायर मैन, 2 आरक्षी चालक, 40 आरक्षी कुल 67 पुलिसकर्मी शहीद हो गए। यूपी पुलिस के सभी पुलिसजन इनके महान कर्तव्यपालन व अप्रतिम बलिदान की सराहना में नतमस्तक हैं और हम अपनी हार्दिक श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]सीएम ने ली शोक परेड की सलामी दी शहीदों को श्रद्धांजलि[/penci_blockquote]
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस स्मृति दिवस पर शोक परेड की सलामी लेने के साथ शहीद पुलिसकर्मियों को 08:42 बजे श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि देश सहित प्रदेश के उन शहीद 67 जवानों को श्रद्धांजलि देता हूं। उन्होंने कहा कि पुलिस बल के वीर शहीदों ने अपने सर्वोच्च बलिदान और त्याग से उत्तर प्रदेश शासन एवं पुलिस विभाग का गौरव बढ़ाया है। पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर उत्तर प्रदेश के अपने बहादुर पुलिस जवानों से मैं यही आग्रह करूंगा कि पूरी ईमानदारी और कर्तव्य परायणता के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन करें। उन्होंने कहा कि हम उनके हितों पर ध्यान भी दे रहे हैं। मुख्यमंत्री ने सभी शहीदों को श्रद्धांजलि देने के साथ उनके परिवार के लोगों को सम्मानित भी किया।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]पुलिस की कमी दूर करने के लिए 2019 तक 1,25,000 पुलिसकर्मियों की भर्ती [/penci_blockquote]
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2018 में घोषित परिणाम के अनुसार 29,303 पुलिस आरक्षी प्रशिक्षणरत हैं। जिनमें 5,341 महिला आरक्षी, 20,134 पुरुष आरक्षी, 3,828 पीएसी के जवान भी हैं। मैं इस अवसर पर कहना चाहूंगा की राज्य सरकार पुलिस बल की कमी को दूर करने, उनकी कार्यकुशलता बढ़ाने के लिए भर्ती की प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ा रही है। मैं इस अवसर पर उन बहादुर जवानों को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए उनके परिवार को आश्वस्त करता हूं कि राज्य सरकार उनके कल्याण के लिए और उन्हें हर संभव सहयोग करने के लिए सदैव तत्पर रहेगी। वर्ष 2017 में 9,892 पुलिस कर्मियों को, वर्ष 2018 में 37,575 पुलिस कर्मियों को पदोन्नतियां प्रदान की गईं जो कि अब तक का एक रिकॉर्ड है। 42,000 पुलिस कर्मियों की भर्ती प्रचलित है, इसमें और तेजी लाने के लिए अगले चरण में 51,216 पुलिस कर्मियों की भर्ती का भी कार्यक्रम पुलिस भर्ती बोर्ड ने घोषित किया है। सीएम ने कहा कि वर्ष 2019 तक प्रदेश में 1,25,000 पुलिसकर्मियों की भर्ती पूर्ण कर ली जाएगी। इससे पुलिस की कमी काफी दूर हो जाएगी।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]पुलिस के अवकाश का जल्द होगा समाधान- सीएम[/penci_blockquote]
सीएम ने कहा कि पुलिसकर्मियों के अवकाश प्राप्त करने की वर्तमान समस्याओं का जल्द समाधान किया जायेगा। प्रशिक्षण की व्यवस्था को सुचारु बनाया जा सकेगा। पुलिस कर्मी भी अपने परिवार के लिए समय निकाल पाएंगे। इससे कहीं भी तनाव की स्थिति ना आ सके। पुलिसकमियों के मनोबल को बढ़ाने के लिए उनकी प्रोन्नति पर भी विशेष बल दिया गया है। वर्ष 2017 में 9892 पुलिसकर्मियों को वहीं वर्ष 2018 में 35575 पुलिस कर्मियों को प्रोन्नतियां प्रदान की गई। जोकि अब तक का एक रिकॉर्ड है।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]पुलिस प्रशिक्षण की क्षमता दो गुनी, बैरकों का निर्माण कराएगी सरकार- सीएम[/penci_blockquote]
वर्तमान में 5793 आरक्षियों को प्रशिक्षित किये जाने के लिए संस्थागत ढांचा उपलब्ध है। इस क्षमता को दो गुना करने के लिये प्रदेश सरकार द्वारा धनराशि की व्यवस्था की जा रही है। प्रशिक्षण की क्षमता बढ़ाने के लिए हम अन्य राज्यों और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की भी सहायता ले रहे हैं। वर्तमान में जालौन तथा सुल्तानपुर के प्रशिक्षणकेन्द्र प्रारम्भ होंगे। जनपदों व थानों में पुलिस बैरकों की कमी के कारण कई पुलिसकर्मियों को आवासीय सुविधा उपलब्ध नहीं हो पाती है। इसके लिए सरकार बैरकों के निर्माण के लिए धनराशि उपलब्ध करवा रही है।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]यूपी के सात जिलों में पुलिस लाइन का निर्माण होगा- सीएम[/penci_blockquote]
वर्तमान में 7 जनपदों तथा चंदौली, अमरोहा, औरैया, अमेठी, शामली, संभल और हापुड़ में पुलिस लाइन उपलब्ध नहीं है। इन जनपदों में पुलिस लाइन के निर्माण के लिए धनराशि की व्यवस्था की गई है। पुलिस लाइन निर्माण के लिए भूमि चयन की व्यवस्था की जा रही है। समय समय पर पुलिस के आधुनिकीकरण के लिए राज्य सरकार द्वारा स्वीकृतियां प्रदान की जाती रही हैं। इसका निर्णय सरकार ने लिया है।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]साईकिल और वर्दी भत्ता पर विचार- सीएम[/penci_blockquote]
सीएम ने कहा कि पुलिसकर्मियों के वर्षों से चली आ रही साईकिल और वर्दी भत्ते के संबंध में एक अपेक्षा थी। इसके लिए हमने 3 सदस्यीय आयोग का गठन किया है। आयोग इन सन्तुतियों के आधार पर जो निर्णय लेगा उसे सरकार शीघ्र ही लागू करेगी।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]सीएम ने पुलिसकर्मियों के हित में लिए लिए ये महत्वपूर्ण निर्णय[/penci_blockquote]
➡मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पुलिस कर्मियों की चिकित्सा प्रतिपूर्ति के लिए चिकित्सा प्रक्रिया नियमावली में इस प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए एक लाख रुपये तक के बिलों पर अधिकार से सम्बंधित अनुमति प्रदान किये जाने के लिए चिकित्सा विभाग को 23 नवंबर 2018 तक चिकित्सा पद्धति नियमावली में आवश्यक संसोधन करने के लिए निर्देश दिए जा चुके हैं।
➡ऐसे पुलिसकर्मी जो पुलिस मुठभेड़, आतंकी घटनाओं, शांति व्यवस्था व राहत कार्यों को प्रदान करने के दौरान घायल होकर कोमा में चले जाते हैं, जिनके समस्त अवकाश पूर्ण होने के उपरांत उनके वेतन बंद होने कारण परिवार का भरण पोषण करने के लिए संकट उत्पन्न हो जाता है। उन्हें असाधारण पेंशन दिए जाने के लिए पेंशन संसोधन नियमावली में संसोधन के लिए 20 नवंबर 2018 तक पूरा करने के निर्देश दिए जा चुके हैं।
➡प्रदेश पुलिस के अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा विशेष जोखिम भरे कार्यों के दौरान अदम्य साहस और वीरता का परिचय देते हुए मृत्यु होने पर वर्तमान सरकार द्वारा शाशनादेश 20 अक्टूबर 2017 के माध्यम से उनके परिवार को मिलने वाली धनराशि को 20 लाख रूपये से बढाकर 40 लाख रुपये पहले ही किया जा चुका है। इसके साथ ही शहीद के माता पिता को पूर्व में दी जाने वाली धनराशि को बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दिया गया है।
➡उत्तर प्रदेश सरकार ने ना केवल प्रदेश के पुलिसकर्मियों को बल्कि केंद्रीय अर्धसैनिक बालों के जवानों को और दूसरे अन्य प्रदेशों के व भारतीय सेना में कार्य कर रहे जवानों को प्रदेश के बाहर शहीद होने वाले कर्मियों को (जो उत्तर प्रदेश के मूल निवासी हैं) ऐसे शहीदों के परिवार को 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है।
➡वहीं जो जवान यूपी के बाहर के हैं और वह अपनी ड्यूटी के दौरान प्रदेश में शहीद हो जाते हैं। उनके परिवारों को भी 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। वर्तमान सरकार द्वारा अब तक 27 शहीदों के परिवारों को 7 करोड़ 7 लाख रुपये की धनराशि 24 से 48 घंटे के अंदर वितरित की गई है।
➡वर्तमान सरकार ने अब तक 1362 मृतक आश्रितों को (उपनिरीक्षक,आरक्षी एवं समक्ष) पदों पर भर्ती प्रदान की है। सीएम ने कहा कि सरकार ने फैसला किया है कि पुलिसकर्मी मुठभेड़, आतंकी घटनाओं, शांति व्यवस्था व राहत कार्यों को प्रदान करने के दौरान साहस का परिचय देते हुए वीरगति को प्राप्त हुए हैं उनके सम्मान में उनके पैतृक गांव के संपर्क मार्ग का नाम शहीद हुए हैं पुलिसकर्मियों के नाम से किया जा रहा है।
➡शहीद आरक्षी अंकित तोमर के पैतृक गांव वाजिदपुर जनपद बागपत, शहीद उपनिरीक्षक जय प्रकाश सिंह के नाम से पैतृक गांव बनवारा जनपद जौनपुर के संपर्क मार्ग का नाम उनके नाम से करने का प्रस्ताव प्राप्त हो गया है। इसके लिए जल्द ही शासनादेश लागू किया जायेगा।
➡इसके बाद मुख्यमंत्री ने राम और लक्ष्मण की रामायण की कहानी बताकर अपने सम्बोधन का समापन किया। उन्होंने कहा कि प्रभु राम ने लक्षमण से कहा था कि जननी और जन्मभूमि का विकल्प नहीं है। सीएम ने कि बलिदान सदैव महान बनाता है। प्रदेश की कानून व्यवस्था की भी चुनौती कम नहीं है। उन्होंने सभी पुलिसकर्मियों से आग्रह किया है कि वह अपनी ड्यूटी का निर्वहन कर्तव्य और परायणता से करें।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]सीएम ने इन शहीद हुए जवानों के परिजनों को सम्मानित किया [/penci_blockquote]
सीएम योगी आदित्यनाथ ने शहीद पुलिसकर्मियों में शामली में तैनात रहे बागपत के वाजिदपुर बड़ौत निवासी आरक्षी अंकित तोमर की पत्नी नेहा तोमर को सम्मानित किया। नेहा के एक 6 वर्ष की पुत्री अवि तोमर और एक वर्ष का बेटा दक्ष तोमर है। नेहा ने बताया कि सरकार ने उन्हें सारी मूलभूत सुविधाएं मुहैया करा दी हैं। वहीं 34वीं वाहिनी पीएसी में तैनात रहे जहानाबाद निवासी रामवृक्ष सिंह की पत्नी कांति सिंह ने सम्मान प्राप्त किया। उन्होंने बताया कि उनके दो बेटे अमित सिंह और अंकित सिंह के अलावा दो बेटियां अरुणा सिंह और अनुपमा सिंह है। सरकार ने उन्हें भी सारी सुविधाएँ दे दी हैं। वहीं सम्मान पाने वालों में बिजनौर में तैनात रहे दीपक कुमार व बृजेश मिश्र के साथ खीरी के लीडिंग फायरमैन कमलाकांत तिवारी के परिवार शामिल था। इस मौके पर सभी की आंखें नम थीं। इसके साथ आजमगढ़ के छतउर सुलतानीपुर, बुलंदशहर के ढकोली बीबी नगर निवासी दीपक के पिता रामवीर सिंह, शाहजहांपुर के सिधौली गरवापुर निवासी बृजेश की पत्नी स्वाति और खीरी के हिदायत नगर पुराना एसपी बंगला निवासी कमलाकांत की पत्नी रेखा देवी ने सम्मान प्राप्त किया। आरक्षी दीपक और बृजेश बिजनौर में ड्यूटी के दौरान दुर्घटना में शहीद हो गए थे। कमलाकांत बरगद के पेड़ में लगी आग को बुझाते समय शहीद हुए थे, जबकि अंकित कस्टडी से फरार बदमाश को पकडऩे के दौरान शहीद हो गए थे। वहीं रामवृक्ष ड्यूटी के दौरान कुछ युवकों के हमले में शहीद हुए थे।

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