उत्तर प्रदेश चुनाव में 325 सीटों के प्रचंड बहुमत के साथ भाजपा ने सूबे की सत्ता पर कब्ज़ा किया था. तमाम अटकलों के बाद योगी आदित्यनाथ को सूबे का मुख्यमंत्री चुना गया था, साथ ही पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य और राजधानी के पूर्व मेयर को सूबे का उप-मुख्यमंत्री बनाया गया था. हालाँकि भारतीय संविधान के अनुसार मुख्यमंत्री, उप-मुख्यमंत्री या कैबिनेट मंत्री को विधायक या विधान परिषद्(MLC bye election) का सदस्य होना अनिवार्य है, जिसके तहत मुख्यमंत्री योगी ने बीते 5 सितम्बर को विधान परिषद् का नामांकन किया था.

4 MLC चुने गए निर्विरोध:

  • बीते 5 सितम्बर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधान परिषद् का नामांकन भरा था.
  • इस दौरान दोनों उप-मुख्यमंत्रियों केशव प्रसाद मौर्य, डॉ० दिनेश शर्मा ने भी अपना नामांकन भरा था.
  • इसके साथ ही परिवहन मंत्री स्वतंत्र देव सिंह और,
  • अल्पसंख्यक मंत्री मोहसिन रजा ने भी MLC के लिए अपना नामांकन भरा था.
  • गौरतलब है कि, ये पाँचों ही यूपी के किसी भी सदन के सदस्य अभी तक नहीं हैं.
  • जबकि आज निर्विरोध चुने जाने पर केशव मौर्य प्रमाण पत्र लेने पहुंचे.
  • सीएम के स्थान पर उनके OCD ने प्रमाण पत्र प्राप्त किया.
  • यूपी विधान परिषद में 4 सीटों पर निर्विरोध निर्वाचन हुआ है.
  • योगी आदित्यनाथ, केपी मौर्या दिनेश शर्मा और स्वतंत्र देव सिंह निर्विरोध चुने गए हैं.
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