लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक के अमर उद्घोष के 101 वर्ष पूर्ण होने पर स्मृति समारोह का आयोजन आज राजधानी लखनऊ में है. इस मौके पर लोक भवन में बाल गंगाधर तिलक की दुर्लभ तस्वीरों की प्रदर्शनी भी लगाई गई है और इस दौरान मेरठ से आई आलिया खान भगवद गीता के श्लोक पढ़ेगी. वहीँ इस कार्यक्रम में रीता बहुगुणा जोशी और मोहसिन रज़ा के साथ उप मुख्यमंत्री केशव मौर्य पहुंचे थे और अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (cm योगी ने सम्मानित किया) और राज्यपाल राम नाईक के साथ महाराष्ट्र के सीएम देवेन्द्र फड़वानीस भी कार्यक्रम में शिरकत की है. इस दौरान कार्यक्रम में अंग वस्त्र पहनाकर इन स्वत्रंत्रता सेनानियों को सम्मानित किया गया.

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सीएम के साथ लोक भवन पहुंचे ये मेहमान (cm योगी ने सम्मानित किया):

आज राजधानी लखनऊ स्थित लोक भवन में लोक मान्य बाल गंगाधर तिलक के अमर उद्घोष कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. जिसमे बाल गंगाधर तिलक की दुर्लभ तस्वीरों लगे इस प्रदर्शनी को देखने रीता बहुगुणा जोशी और मोहसिन रज़ा के साथ उप मुख्यमंत्री केशव मौर्य वहां पहुंचे थे और इस दौरान इन्होने स्वत्रंता सेनानियों से मुलाकात की. उसके बाद सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ राज्यपाल राम नाईक भी वहां पहुचे. इसके साथ ही मुख्यातिथि के रूप में महाराष्ट्र के सीएम देवेन्द्र फड़वानीस भी लोक भवन पहुचे.

अंग वस्त्र पहना कर किया सम्मानित:

आपको बता दें कि इस कार्यक्रम में वीरेंद्र प्रसाद बाजपेयी ,दावजी गुप्ता ,वैजनाथ ,मोहमबद साजिद बच्चन शुक्ला ,महादेव प्रसाद ,भगवतीसिंह विशारद ,शिव नारायण शर्मा ,हनुमान प्रसाद अवस्थी पूरण सिंह को अंग वस्त्र पहना कर सम्मानित किया गया. वहीँ सम्मानित मंगल पांडेय के पारिवारिक जन रघुनाथ पांडेय को भी सम्मानित किया गया उअर इसके साथ ही तात्या टोपे के पारिवारिक जन विनायक टोपे को सीएम (cm योगी ने सम्मानित किया) ने सम्मानित किया.

इस दौरान बाल गंगाधर तिलक के पारिवारिक जन मुक्त तिलक शैलेष तिलक को सम्मानित किया गया, वीर विनायक के पारिवारिक जन
सकेके को किया गया सम्मानित, भगत सिंह के पारिवारिक जन जगमोहन सिंह को, अशफाककुल्ला खान की पारिवारिक जन से फराह खान, चंद्र शेखर आजाद के पारिवारिक जन से महेंद्र तिवारी को किया सीएम ने किया सम्मानित.

योगी अदित्यनाथ ने किया संबोधित:

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि एक साथ अनेक प्रकार से यह समारोह प्रेरणा दाई बना हुआ है. अपने इतिहास के संरक्षण के साथ साथ उनसे प्रेरणा प्राप्त कर वर्तमान को अवसर दिखाने का मकसद है. यह समारोह स्वराज सुराज का विकल्प नहीं हो सकता है. पिंजड़े में कैद पक्षी को कितना भी खिलाओ लेकिन वह खुश नहीं रहता. देश की आजादी ने हमे क्या दिया यह कहकर हम अपने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का अपमान करते हैं.

उन्होंने कहा कि हमारी व्यक्तिगत स्वतंत्रता संविधान के दायरे में है. अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की आड़ में भारत की विखंडन की आवाज उठाये तो गलत है. एक भारत और श्रेष्ठ भारत की अखंडता को मजबूत रखने के लिए आज महराष्ट्र सरकार से एमओयू साइन किया गया है.

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