ये छोटू… एक चाय लाना… छोटू एक समोसा लाना…ये आवाजें हर समय आप को किसी भी चाय की दुकान पर सुनने को मिल जाएँगी। जिन मासूमों के हाथों में किताब और कलम होनी चाहिए, उन नन्हे हाथों में कहीं जूठे बर्तन हैं तो कहीं गेंती-फावड़े। पूरे प्रदेश में ये नजारा जिम्मेदार अधिकारी भी देखते हैं। लेकिन कोई इनके भविष्य को लेकर सजग नहीं है। इन मासूमों को देख जिम्मेदार अपनी नजरें चुराकर निकल जाते हैं। बालश्रम विभाग भी कभी कभी मीडिया की सुर्खियां बनने के लिए अभियान चलाकर कार्रवाई करता है। परंतु ठोस कार्रवाई ना होने से होटल, ढ़ाबा, चाय की दुकान संचालक इन मासूमों को कुछ पैसे देकर काम करवा रहे हैं।पैसों के खातिर मासूमों के माता-पिता भी इनसे मजदूरी करवाने से बाज नहीं आ रहे हैं। यह मासूम दिन की चिलचिलाती धूप मे भी काम करते देखे जा सकते हैं। लेकिन सीओ जो काम कर रहे हैं इसकी जितनी प्रशंसा की जाए कम है। शहर में इतने दिनो तक तो यह मासूम रात के अंधेरों मे काम करते थे,लेकिन हैरत की बात यह है की अब यह मासूम दिन की चिलचिलाती धूप मे भी अपने माता-पिता के साथ काम करते देखे जा सकते है।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]क्षेत्राधिकारी कर रहे प्रशंसनीय कार्य[/penci_blockquote]
उत्तर प्रदेश के चंदौली जिला में पुलिस की एक सराहनीय पहल देखने को मिली है। यहां सदर क्षेत्राधिकारी बच्चों के भीतर शिक्षा की अलख जगाते हुए उनका स्कूलों में दाखिला कराकर एक सराहनीय पहल कर रहे हैं। इन बच्चों के पढ़ाई-लिखाई किताब और यूनिफार्म का खर्चा भी वह दे रहे हैं। सीओ ने बताया कि वह अपने क्षेत्र में रहते हुए अगर किसी गरीब बच्चे को देखते हैं तो उसका स्कूल में दाखिला करवा देते हैं। ताकि वह बच्चा अपना भविष्य संभाल सके। सीओ अभी तक करीब एक दर्जन से अधिक गरीब बच्चों का स्कूलों में दाखिला करवा चुके हैं। इन बच्चों के माता-पिता से लेकर स्थानीय नागरिक भी सीओ की इस अनूठी पहल की सराहना करते नहीं थकते हैं।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]गरीब बच्चों की सहायता करने में सीओ रहते हैं आगे[/penci_blockquote]
दरअसल मामला चंदौली जिला के सदर इलाके का है। यहां सदर क्षेत्राधिकारी त्रिपुरारी पांडये गरीब बच्चों के भीतर शिक्षा की अलख जगा रहे हैं। उन्होंने तिराहे पर चाय बेचने वाले छोटू का शुक्रवार को ‘लालता प्रसाद उच्चतर माध्यमिक विद्यालय’ जगदीशपुर भटरिया चंदौली में एडमिशन करवाया। सीओ ने बताया कि छोटू के पिता का स्वर्गवास हो चुका है। उसके घर में उसकी माता है। घर के खर्चे के लिए वह अपने भविष्य को दांव पर लगाकर चाय बेचता था। लेकिन अब वह भी पढ़कर आगे बढ़ पायेगा। सीओ ने बताया कि वह अब तक एक दर्जन से अधिक गरीब बच्चों को स्कूलों में एडमिशन दिलवा चुके हैं। इनमें सोनू जयसवाल, अर्चना, राहुल और गुड्डू सहित कई बच्चे शामिल हैं। वह जहां भी अपनी तैनाती पाते हैं तो गरीब बच्चों की मदद करते हैं। उन्होंने पुलिस अधिकारियों को एक सन्देश देते हुए कहा कि अगर पुलिस अधिकारी या कर्मचारी अपने अपने क्षेत्र का एक एक ही गरीब बच्चा चिन्हित करके उसका दाखिला करवा दें तो ये पुलिस विभाग के साथ समाज के लिए भी गौरव की बात होगी।

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