कहते हैं कि अगर आपके सपने पूरे हो जाये तो इससे खुशी की कोई दूसरी बात नही होती । ऐसा ही कुछ हुआ समाधान दिवस के मौके पर कोमल के साथ, जिसने शायद पढ़ने की आस अब छोड़ ही दी थी। लेकिन खाकी के एक छोटे से प्रयास ने कोमल की निराश जिंदगी को फिर से एक मौका दे दिया है। अब वो हंस सकेगी, आगे पढ़ सकेगी।

पुलिस ने उठाई कोमल की पढ़ाई की जिम्मेदारी:

चित्रकूट जिले में थाना समाधान दिवस के अवसर पर थाना मानिकपुर में अपर पुलिस अधीक्षक चित्रकूट बलवंत चौधरी की अध्य़क्षता में तथा एसडीएम मानिकपुर दुर्गेश मिश्र एवं प्रभारी निरीक्षक केपी दुबे की उपस्थिति में जन-शिकायतें सुनी जा रही थी. इसी बीच थाना मानिकपुर अन्तर्गत ग्राम सकरौंहा के रामदीन कुशवाहा की बेटी कोमल अपनी शिकायत लेकर आयी. कोमल की शिकायत थी कि उसके पिता उसे पढ़ने लिखने से मना कर रहे है। जबकि कोमल ने इण्टरमीडिएट की परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त किये गये थे। कोमल ने प्रार्थना पत्र देते हुए बताया कि उसे दो सालों  से उसके पिता ने कपडे तक नहीं दिलाये हैं।

मामला संज्ञान में आने से साफ़ हो गया है कि जहाँ एक ओर सरकार बेटी पढ़ाओ बेत बचाओ कार्यक्रम के साथ हर बच्ची को शिक्षा और सुरक्षा देने के लिए अग्रसर है, वहीँ खुद बेटी के पिता सरकार की मंशा से इतर जानबूझकर अपनी बेटी को पढ़ाने से इंकार कर रहें हैं।

प्रभारी निरीक्षक ने दिलवाए कोमल को नये कपड़े: 

कोमल की शिकायत के बाद उसकी और उसकी पढ़ाई को लेकर जिज्ञासा को देखते हुये मानवता के नाते चित्रकूट के अपर पुलिस अधीक्षक ने आश्वासन दिया कि कोमल की आगे की पढ़ायी लिखायी में पुलिस विभाग हर संभव मदद करेगा। प्रभारी निरीक्षक के.पी दुबे ने भी चित्रकूट की इस बेटी को नये कपड़े खरीदकर दिये।

थाना समाधान दिवस पर उपस्थित जनसमुदाय द्वारा पुलिस विभाग के इस सराहनीय कदम की प्रशंसा की जारही है। पुलिस द्वारा उठाये गये इस प्रकार के कदम से आम जनता में पुलिस विभाग की छवि को लेकर एक अच्छा संदेश भी गया है।

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