प्रदेश सरकार भले ही प्रदेश की स्वास्थ्य सुविधाओं को दुरुस्त बता रही हो लेकिन सच इससे बिलकुल जुदा है। जिसका उदाहरण रोजाना हमें अख़बारों में देखने को मिलते हैं। जन सामान्य को कही भी राहत नहीं मिल रही है। हर विभाग में सरकारी कर्मचारी अपनी मनमानी कर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग का हाल भी ऐसा ही है। जिसका ताज़ा उदाहरण गोसाईगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में देखने को मिला। जहाँ मरीजों को बिना दवा के ही भेज दिया जाता है।

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दस दिन बाद भी नहीं मिल रही दवा

  • गोसाईगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में न तो मरीजों को डॉक्टर मिलते हैं न ही दवा।
  • इससे यहाँ आने वाले मरीजों को दोनों के ही अभाव में बिना इलाज वापस लौटना पड़ता है।
  • हसनपुर खेवली निवासी रवि बीते 10 दिनों से अस्पताल के चक्कर काट रहा है।
  • बावजूद इसके 10 दिन बाद भी उसे अपने इलाज के लिए जरुरी दवा नहीं मिल पा रही है।
  • रवि रोजाना अपनी माँ शीला के साथ गोसाईगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आता है।
  • देर तक इंतजार करने के बाद भी उसे रोज बिना दवा के ही लौटा दिया जाता है।
  • रवि की माँ शीला ने बताया कि उसका बेटा काफी दिनों से बीमार है।
  • जांच में रवि में टीबी की पुष्टि हुई थी जिसके बाद उसे इलाज के बाद यहाँ लाया गया था।
  • शीला ने बताया की उसे पता चला था कि टीबी की दवा गोसाईगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में निशुल्क मिलती है।
  • बस इसी वजह से वो 10 दिनों से अस्पताल के चक्कर काट रही है।
  • उन्होंने बताया कि पहली बार 21 जुलाई को वो दवा लेने आयी थी।
  • तब से लगातार दवा लेने आ रही हैं लेकिन अभी तक दवा नहीं मिली है।
  • और मेरी इतनी हैसियत नहीं है की मैं साड़ी दवाएं खरीद सकूँ।
  • इसी तरह से यहाँ और भी मरीज आ रहे हैं जिन्हे दवा नहीं मिल रही है।

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