पीएम मोदी द्वारा गोद लिए जाने के बाद गाँव जयापुर में बहने लगी विकास की गंगा

केंद्र सरकार के तीन साल का जश्न जोरशोर से चल रहा है। पीएम मोदी ने तीन साल पहले हर सांसद से कम से कम एक गांव गोद लेने की अपील की थी, जिसे आदर्श गांव बनाया जाना था।  बनारस शहर से 34 किमी दूर जयापुर गांव को गोद लेने के लिए नवंबर 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस गांव पहुंचे थे। उन्होंने विकास में ग्रामीणों से सहयोग मांगने के साथ बेटियों के नाम पर पौधारोपण की अपील की तो खूब तालियां बजीं। समय बीतने के साथ पीएम के गोद लिए गांव में विकास की गंगा बहाने के लिए सरकारी और गैर-सरकारी संस्थाओं में होड़ मच गई।

  • दो हजार की आबादी वाला यह गांव चंद दिन में सोलर लाइट से जगमग हो गया।
  • ढाई साल में जयापुर की तकदीर बदल गई है।
  • पीएम मोदी  के गोद लेने के बाद जयापुर में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, सिंडिकेट बैंक के साथ पोस्ट ऑफिस भी खुला।
  • वस्त्र मंत्रालय के सहयोग से कालीन बुनाई प्रशिक्षण केंद्र चालू हो गया।
  • आज इस केंद्र में चरखे पर सूत की कताई से लगभग 300 महिलाओं को रोजगार मिल रहा है।
  • गांव में प्राइमरी हेल्थ सेंटर भी बन रहा है।
  • तीन साल के भीतर इस गांव में सोलर पावर प्लांट, कूड़ा निपटान केंद्र के अलावा भी ढेरों विकास कार्य हो चुके हैं
  • और कुछ और भी हो रहे हैं।

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पीएम मोदी  के गोद लेने से गांव का हुआ कायाकल्प

गाँव के छात्रो के अनुसार पीएम मोदी  के गोद लेने से गांव का कायाकल्प हो गया। गांव में बिजली-पानी का भी इंतजाम हो गया है। सूरज ढलते ही 135 सोलर लाइटों के साथ गांव जगमगाने लगता है। गांव में 10 से ज्यादा हैंडपंप लगाए गए हैं। बोरिंग का भी इंतजाम है। 45 साल की गीता कहती हैं कि जब शादी करके जयापुर आई थी तो सास ने पहला पाठ यही पढ़ाया कि सूरज निकलने से पहले और डूबने के बाद ही खेत में शौच के लिए जाना। यही पाठ मैं अपनी बेटियों को पढ़ाती आ रही थी, लेकिन मोदी के गोद लेने के बाद घर-घर में शौचालय बन गए हैं। पहले इस गांव में विकास के नाम पर तीन सरकारी हैंडपंप के अलावा बिना करंट के चिढ़ाने वाले बिजली के खंभे थे।

  • अब सड़क, बिजली से लेकर बैंक, एटीएम, ई-लाइब्रेरी समेत बहुत कुछ हो गया है।
  • यहां रहने वालीं दीक्षा कहती हैं, ‘गांव में बेटियों का महत्व और सम्मान काफी बढ़ गया।
  • बेटी होने पर गांव में लोगों का मुंह टेढ़ा होते हुए मैंने इसी गांव में देखा था,
  • लेकिन अब बेटी होने पर बैंड-बाजे के साथ वृक्षारोपण होता है।’
  • दलितों के लिए बसे अटलनगर में रहने वाले जवाहर मुसहर कहते हैं कि गांव में चमत्कार हो गया है।
  • हमने जिंदगी में कभी नहीं सोचा था कि ऐसा मकान मिलेगा।
  • सिर्फ हमें नहीं, बल्कि पूरे कुनबे को ऐसा घर मिल गया है कि दूसरे लोग मुंह खोलकर देखते रह जाते हैं।
    इंटरलॉकिंग टाइल्स को कुछ ही महीनों में उखाड़ ले गये चोर

जयापुर में सौगात की जो बरसात हुई, उसमें चोरों ने सेंध भी लगा ली। मेन सड़क और गलियों में लगाई गई इंटरलॉकिंग टाइल्स को चोर कुछ ही महीनों में उखाड़ कर ले गए। गांव में जो 135 सोलर लाइट लगाई गई हैं, उसमें से 50 सोलर लाइट के पैनल चोरी हो गए। पीने के पानी के लिए बनी टंकी से अभी पानी की सप्लाई नहीं हो सकी है। गांव में पाइपलाइन बिछाने का काम भी अभी अधूरा पड़ा है।

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