उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी शपथ ग्रहण के बाद सूबे की प्रशासन की कार्य शैली को ठीक करने की बात कही थी। लेकिन भ्रष्टाचार और धांधली में लिप्त हो चुके प्रशासन को सुधार पाना मुख्यमंत्री योगी के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। बिजली की समस्या में सरकारी विभाग ही करोड़ों के बकायेदार बने बैठे हैं, उसके बावजूद सरकारी विभाग बिजली का बकाया बिल(connection cut campaign) जमा नहीं कर रहे हैं। जिसके तहत सूबे के ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव ने गुरुवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग की थी।

कनेक्शन काटकर बकाया वसूलेगा बिजली विभाग(connection cut campaign):

  • सूबे के सरकारी विभागों ने कई सालों से बिजली विभाग का बिजली बिल नहीं चुकाया है।
  • काफी समय दिए जाने के बाद बिजली विभाग मामले में सख्ती के मूड में आ चुका है।
  • जिसके तहत गुरुवार को ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव ने वीडियो कांफ्रेंसिंग की थी।
  • जिसमें उन्होंने बकाया वसूली के लिए सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए थे।
  • साथ ही बकायेदारों के बिजली कनेक्शन को काटकर वसूली की जाएगी।
  • हालाँकि सरकारी अस्पतालों को इस आदेश से बाहर रखा गया है।
  • इसके साथ ही सरकारी कार्यालयों और आवासों में नए मीटर लगाने के भी आदेश दिए गए हैं।
  • साथ ही यूपी के सभी बिजली कनेक्शन को ऑनलाइन किया जायेगा।
  • जिसके लिए 15 अक्टूबर तक एक विशेष अभियान भी चलाया जायेगा।

सरकारी विभाग ही बने हैं डिफाल्टर(connection cut campaign):

  • उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रशासन की कार्य प्रणाली को सुधारने की बात कही थी।
  • जो कि एक बहुत ही मुश्किल काम साबित हो रहा है।
  • वहीँ सूबे में बिजली की समस्या से सभी वाकिफ हैं, ऐसे में खुद सरकार के ही विभाग बिजली बिल बकाये के डिफाल्टर बने बैठे हैं।
  • एक ओर आम आदमी से जहाँ विभाग बकाया बिल वसूलने में हर प्रकार की सख्ती करता है।
  • वहीँ दूसरी ओर सरकारी विभागों में करोड़ों के बिजली के बिल बकाया पड़े हैं।
  • इन विभागों में सबसे बड़ा डिफाल्टर राज्य संपत्ति विभाग है।
  • वहीँ लोक निर्माण विभाग भी बकायेदारों की सूची में शामिल हैं।
  • गौरतलब है कि, यह सभी बिल पूर्व समाजवादी सरकार के समय से ही बकाया पड़े हैं।

सरकारी गेस्ट हाउस, विधायक निवास भी शामिल(connection cut campaign):

  • पूर्व समाजवादी सरकार के समय से सरकारी विभागों के बिल बकाया है, लेकिन किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गयी।
  • इस सूची में सिर्फ विभाग ही नही सरकारी गेस्ट हाउस, विधायक निवास भी शामिल हैं।
  • इसके साथ ही मंत्री आवास, भी इस सूची में शामिल हैं।
  • बकाया बिल जमा करने का नोटिस लेसा द्वारा पहले ही दिया जा चुका है।
  • इसके बावजूद बिजली बिल जमा नहीं किया गया है।

लेसा की मुहिम(connection cut campaign):

  • सूबे में सरकारी विभागों, मंत्री आवास, विधायक निवास आदि का करोड़ों का बिजली बिल बकाया है।
  • जिसके लिए नोटिस भी उत्तर प्रदेश पॉवर कारपोरेशन द्वारा भेज दी गयी थी।
  • इसी क्रम में लेसा द्वारा कनेक्शन काटे जाने की मुहिम भी चलाई गयी थी।

किसका कितना बाकी, कौन कितना बड़ा बकायेदार(connection cut campaign):

  • मंत्री आवास- 25 करोड़ 90 लाख बकाया
  • इंदिरा भव- 3.55 करोड़ बकाया
  • जवाहर भवन- 2.88 करोड़ बकाया
  • मंत्री आवास- 2.74 करोड़ बकाया
  • वीआईपी गेस्ट हाऊस- 2.72 करोड़ बकाया
  • वीवीआईपी गेस्ट हाऊस- 2.34 करोड़ बकाया
  • पार्क रोड विधायक आवास- 1.90 करोड़ बकाया
  • मंत्री आवास न्यू- 1.36 करोड़ बिजली बिल बकाया
  • मीरा बाई गेस्ट हाऊस- 1.22 करोड़ बकाया
  • बटलर पैलेस- 74.17 लाख बकाया
  • कालीदास के बंगले- 75.30 लाख बकाया है।

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