उत्तर प्रदेश के विधानसभा और निकाय चुनाव में भाजपा ने समाजवादी पार्टी का सफाया कर दिया था। भाजपा ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में उसका विजय रथ अब रुकेगा नहीं। यही कारण यूपी से सहकारी समिति चुनाव में सपा के पूरी तरह सफाए के लिए अब भारतीय जनता पार्टी की नजर समाजवादी पार्टी के एक गढ़ पर आकर टिक गयी है।

बीजेपी ने लहराया परचम :

उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों और उसके बाद निकाय चुनाव में बीजेपी ने धुआंधार प्रदर्शन किया था। यूपी विधानसभा चुनावो में बीजेपी ने जहाँ सत्ता हासिल की तो निकाय चुनाव में 16 में 14 मेयर सीट पर कब्ज़ा जमाया। अब भाजपा की नजर समाजवादी पार्टी के गढ़ को तोड़ने पर लग गयी है।

जल्द होंगे सहकारी समिति के चुनाव :

यूपी में अब विधानसभा और निकाय के बाद सहकारी समितियों के चुनाव होने वाले हैं। वाराणसी में प्रबंध कमेटी के लिए 245 समितियों का चुनाव किया जाना है। ऐसा मत है कि जिसकी सरकार उसके ज्यादा प्रत्याशी जीतते हैं मगर बसपा शासनकाल में सपा ने सबसे ज्यादा सीटें जीती थी। इन सीटों पर चुनाव 10 जनवरी के बाद होने की उम्मीद है।

सपा को पछाड़ना चाहती है बीजेपी :

उत्तर प्रदेश में बीजेपी हर बार की अपेक्षा इस बार सबसे ज्यादा मजबूत दिखाई दे रही है। निकाय चुनाव के पहले से ही बीजेपी ने अपना विजय अभियान शुरू कर दिया था। वाराणसी में समाजवादी पार्टी को 1 भी सीट नहीं मिली थी। सपा की जिला पंचायत अध्यक्ष भी अब बीजेपी में जा चुकी हैं। ऐसे में सहकारी समिति चुनाव जीतकर भाजपा सपा का सफाया करना चाहती है।

सपा का जीतना है जरूरी :

यूपी के सहकारी समिति के चुनाव में बसपा और कांग्रेस चुनाव लड़ने को लेकर मंथन कर रही हैं। वहीँ समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी ने इस चुनाव के लिए अपनी तैयारियां शुरू कर दी है। लगातार 2 चुनाव में मिली हार से सपा अध्यक्ष अखिलेश काफी परेशान हैं। ऐसे में सपा का इस चुनाव को जीतना उसके लिए संजीवनी साबित हो सकता है।

ये भी पढ़ें : लखनऊ: मदरसे में पुलिस ने मारा छापा, यौनशोषण का शिकार 51 छात्राएं मुक्त

UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें