लखनऊ नगर निगम में बड़ा फर्जीवाड़ा प्रकाश में आया है। बताया जा रहा है कि नगर निगम के भ्रष्ट अधिकारियों ने महापौर संयुक्ता भाटिया के फर्जी दस्तखत करके रिटायर कर्मचारियों को सेवा विस्तार दे दिया है।

महापौर ने दिए फर्जीवाड़े की जांच के आदेश

बता दें कि महापौर संयुक्ता भाटिया ने कार्यकारिणी बैठक में सेवा विस्तार का प्रस्ताव निरस्त कर दिया था। फोरमैन प्रमोद चतुर्वेदी समेत कई को महापौर के फर्जी दस्तखत से भ्रष्टचारियों ने सेवा विस्तार दे दिया। इसकी भनक लगते ही नगर निगम में हड़कंप मच गया। महापौर ने मामले को गंभीरता से लेते हुए इस फर्जीवाड़े की जांच के आदेश दिए हैं।

नगर आयुक्त की सह पर हुआ फर्जीवाड़ा

आरोप है कि नगर आयुक्त उदयराज की सह पर ये फर्जीवाड़ा हुआ है। सपा सरकार में काबीना मंत्री रहे आजम खान के करीबी उदयराज अब भी फर्जीवाड़े में जुटे हुए हैं। नगर निगम में नगर आयुक्त उद राज सपा सरकार से ही फर्जीवाड़ा कर रहे हैं। वह पिछली सरकार से ही नगर निगम में नगर आयुक्त के पद पर जमे हुए हैं।

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