Uttar Pradesh News, UP News ,Hindi News Portal ,यूपी की ताजा खबरें
Uttar Pradesh

महा भ्रष्टाचार: 14 करोड़ से बना तटबंध और मरम्मत में खर्च हो चुके 100 करोड़

भले ही उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी की सरकार भ्रष्टाचार मुक्त प्रदेश होने का लाख दावा कर ले लेकिन भाजपा सरकार में जमकर भ्रष्टाचार हो रहा है। ताजा मामला गोंडा जिला का है यहां एग्लिन-चरसड़ी तटबंध अफसरों-ठेकेदारों के लिए जहां साल-दर-साल मरम्मत के नाम पर करोड़ों रुपये का धंधा बन गया वहीं गोंडा और बाराबंकी के करीब सवा सौ गांवों और साढ़े छह सौ मजरों के लिए स्थायी संकट।

योगी सरकार ने बजट में स्थायी समाधान के लिए करीब एक अरब रुपये की व्यवस्था भी की लेकिन जुलाई में पूरा होने वाला काम अभी तक सिरे नहीं चढ़ा। तटबंध का निर्माण मुलायम सिंह के कार्यकाल में साल 2006-07 में 14 करोड़ की लागत से हुआ था। तब से हर साल कटान से तटबंध क्षतिग्रस्त होने और मरम्मत के नाम पर कुछ लोग मालामाल जरूर हो गए, लेकिन ग्रामीणों को बाढ़ की तबाही से मुक्ति नहीं मिली।

गोंडा, बहराइच व बाराबंकी जिले की सीमा पर बना है। बारिश के दिनों में घाघरा/सरयू नदी बाराबंकी, बहराइच, गोंडा व फैजाबाद जिले में तबाही की वजह बनती है। बांध बनाने के पीछे उद्देश्य था कि माझा क्षेत्र के सैंकड़ों गांवों में हर साल होने वाली तबाही रुकेगी। बनने के साथ ही इस तटबंध के कटने और मरम्मत का सिलसिला शुरू हो गया, जो अब तक जारी है। मरम्मत के नाम पर पर गोलमाल की जांच कई बार हुई लेकिन प्रभावी कार्रवाई तक नहीं हो सकी।

बार-बार मरम्मत से कमजोर हुआ 2016 में टूट गया। हजारों लोग प्रभावित हुए। पिछले साल भी तटबंध टूटा होने के कारण बाढ़ का पानी सीधे गांवों में घुस गया। अकेले गोंडा जिले के 113 गांव बाढ़ से प्रभावित रहे। बाढ़ के पानी में डूबकर पांच लोगों को जान तक गंवानी पड़ी। भाजपा सरकार ने स्थायी समाधान के लिए इस साल टूटे तटबंध के स्थान पर 4.7 किमी नए रिंग बांध निर्माण व मरम्मत के लिए 96.34 करोड़ रुपये का बजट दिया है, लेकिन कुछ किसान जिद पर अड़ गए और काम नहीं हो पाया। मरम्मत से बना तटबंध बाढ़ का दबाव नहीं ङोल पाता। नकहरा के पास टूटे तटबंध से पानी धीरे-धीरे सौ से ज्यादा गांवों को अपनी चपेट में फिर ले लेगा।

गौरतलब है कि घाघरा नदी पर बना लोहे का रेलवे पुल एल्गिन ब्रिज तक सुरक्षा तटबंध बना है। यहां से गोंडा जिले के चरसड़ी गांव तक बने तटबंध को एल्गिनब्रिज-चरसड़ी तटबंध कहते हैं। इस तटबंध के किनारे गोंडा की तरफ बाराबंकी के परसावल, मांझारायपुर व बांसगांव आदि 17 गांव बसे हैं। वर्ष 2012 में जब तटबंध कटा तो उस स्थान से थोड़ा पूरब की ओर बढ़ाकर घुमावदार स्थिति में दूसरे छोर से रिंग तटबंध बनाया गया। इसी घुमावदार तटबंध को रिंग तटबंध कहते हैं। बीते साल परसावल के निकट नकहरा के सामने तटबंध कटा था। उस स्थान की मरम्मत की गई थी। यह रिंग तटबंध ध्वस्त हो गया है। इसका अनुरक्षण बाढ़ कार्य खंड गोंडा की ओर से किया जाता है।

क्या कहते हैं जिम्मेदार

इस संबंध में एडीएम व प्रभारी अधिकारी आपदा गोंडा रत्नाकर मिश्र ने कहा कि प्रस्तावित रिंग बांध बनाने के लिए नकहरा के किसानों ने जमीन देने से इन्कार कर दिया। इस कारण निर्माण नहीं हो सका। ग्रामीणों से बात कर जनसहयोग से काम चलाऊ बांध का निर्माण कराया गया। मरम्मत व बचाव कार्य जारी है। स्थिति नियंत्रण में है। वहीं एक्सईन बाढ़ कार्यखंड गोंडा बीएन शुक्ल ने कहा कि यह कार्य 15 जुलाई तक पूरा होना था लेकिन किसानों के जमीन का बैनामा न करने से 1.5 किमी. में कार्य नहीं हो पाया है। विकल्प के रूप में जनसहयोग से अस्थाई बांध बनाया गया था।

ये भी पढ़ें-

अमनमणि ने खुद को बताया मानसिक रोगी, लंदन में इलाज के लिए दी अर्जी

लखनऊ: शोहदे से तंग आकर 12वीं की छात्रा ने की खुदकुशी

लखनऊ: राजनाथ सिंह कल करेंगे तीन फ्लाईओवर का शिलान्यास

महा भ्रष्टाचार: 14 करोड़ से बना एग्लिन-चरसड़ी तटबंध और मरम्मत में खर्च हो चुके 100 करोड़

उत्तर प्रदेश में महिलाएं चलाएंगी परिवहन निगम की पिंक बसें

लखनऊ: पुलिस को लुटेरा का मिला अहम सुराग, जल्द खुलासा कर सकती है पुलिस

कहां कम हुआ अपराध: अखिलेश की अपेक्षा योगी राज में 7.25 गुना बढ़ा महिला अपराध

लखनऊ में पांच जर्जर मकान गिरे, एक बच्ची सहित 3 की मौत 8 घायल

कलयुगी ताऊ नाबालिग भतीजी का नशीला पदार्थ खिलाकर 2 माह से कर रहा था रेप

कानपुर: बाढ़ पीड़ितों ने रोड जाम कर किया बवाल, पुलिस पर पथराव गाड़ियां फूंकी

Related posts

तबादला एक्सप्रेस: सूबे में बदले गए 16 CMO!

Divyang Dixit
7 years ago

आ गया गायत्री प्रजापति की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला!

Kamal Tiwari
8 years ago

अंतर्राष्ट्रीय जगत में यूपी को पहचान दिलाएगी इन्वेस्टर्स समिट- डाॅ. चन्द्रमोहन

Sudhir Kumar
7 years ago
Exit mobile version