महात्मा गांधी और जवाहरलाल नेहरू की धरती अमेठी में वर्तमान समय में अपराधियों का बोलबाला है। यहां अपराधों का साया लगातार फैलता जा रहा है। एक समय में यह सूफी संतों के कर्मभूमि हुआ करती थी आज संगीन अपराधों के कारण कुख्यात होती जा रही है। आये दिन हो रही हत्याओं, बलात्कारों, चोरी और लूट की घटनाओं में लगातार वृद्धि हो रही है। यहां चारों तरफ अराजकता का बोलबाला होता जा रहा है। लेकिन इन संगीन अपराधों को रोक पाने में पुलिस फिसड्डी साबित हो रही है।

किशोरी हुई बलात्कार का शिकार

  • अभी हाल ही में अमेठी के पीपरपुर थाना क्षेत्र के नगरडीह गांव में खेत की सिंचाई करने गयी 14 वर्षीय बालिका के साथ गांव के तीन लोगों ने बलात्कार किया।
  • पोल खुल जाने की वजह से जहर खिला दिया।
  • तबियत बिगड़ने पर बालिका को जिला अस्पताल भर्ती कराया गया जहां किशोरी की मौत हो गयी।
  • मजिस्ट्रेट के बयान में बालिका ने मौत से पहले अपने गांव के ही तीन व्यक्तियों पर बलात्कार के बाद जहर खिलाने का बात कही है।
  • वहीं मृतका के परिजनों का आरोप है कि पुलिस मामला दर्ज करने में टाल मटोल करती रही क्यों कि आरोपी लोग रसूखदार घराने से सम्बन्ध रखते हैं।
  • इसके अलावा अभी कुछ महीने पूर्व ही अमेठी में हुए युवती के साथ बलात्कार के मामले को लेकर जनता से पुलिस आंखें छुपा ही रही थी कि पीपर पुर की इस घटना ने पुलिसया कार्यशैली पर फिर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया।

बढ़ रहे अपराधों पर क्यों नहीं लग रही लगाम?

  • जब वीवीआईपी जिला कहे जाने वाले अमेठी में पुलिस अपराध रोकने में असफल है तो फिर बाहर अपराध कैसे रुकेगा यह सवाल यहां की जनता की जुबान से हर जगह सुनने को मिल जायेगा।
  • इतनी बड़ी घटना की योजना बाहर बनी मगर पुलिस को भनक तक नहीं लगी।
  • अति सुरक्षित क्षेत्र में बलात्कार, लूट, हत्याएं यह बताती हैं कि अब जनता को अपनी सुरक्षा के खुद बंदोबस्त कर लेने चाहिए।
  • पुलिस के आलाधिकारी विभाग की छवि सुधारने के प्रति गंभीर होते तो इन घटनाओं से सबक लेकर अपनी कार्यशैली में बदलाव लाते।
  • लेकिन लगता है कि पुलिस महकमें ने आत्मालोचन करना बंद कर दिया है।
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