भवन निर्माण में सरकार के करोड़ों खर्च,संचालन करेगी निजी संस्था

इस सत्र हो सकता है राजकीय आईटीआई का संचालन

सुलतानपुर |

ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं को तकनीकी रूप से प्रशिक्षित करने के लिए पूर्ववर्ती सपा सरकार ने क्षेत्र में करोड़ों की लागत से बनाने वाली राजकीय आईटीआई के निर्माण की आधारशिला रखी थी। बजट आवंटन के बाद राजकीय आईटीआई का निर्माण कार्य शुरू हुआ भवन निर्माण हो जाने के बाद सरकार द्वारा राजकीय आईटीआई को निजी हाथों में सौंपने के लिए दो बार टेंडर भी निकाल चुकी है। लेकिन टेंडर में शामिल निजी संस्थाएं सरकार के मानकों पर खरा न उतरने के चलते टेंडर प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई थी। वही तीसरे बार के निकाले गए टेंडर में एक निजी संस्था सरकार के मानकों पर खरा उतर चुकी है। जिससे युवाओं को अब तकनीकी शिक्षा मिल सकती है।

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ग्रामीण क्षेत्र के गरीब युवाओं को तकनीकी रूप से प्रशिक्षित करने के उद्देश्य पूर्ववर्ती सपा सरकार के क्षेत्रीय विधायक अरुण वर्मा द्वारा अक्टूबर 2016 में जयसिंहपुर क्षेत्र के सारंगपुर में 8 करोड़ 58 लाख की लागत से राजकीय आईटीआई की आधारशिला रखी गई थी। राजकीय आईटीआई की आधारशिला रखे जाने के बाद क्षेत्र के युवाओं में तकनीकी रूप से प्रशिक्षित होने की एक आस जग गई थी। कार्यदाई संस्था द्वारा राजकीय आईटीआई का मुख्य भवन, चार वर्कशॉप, पार्किंग के साथ- साथ बाउंड्री वाल का भी निर्माण लगभग 2 वर्ष पहले पूरा कर लिया गया लेकिन तैयार भवन को हैंड ओवर न लेने से राजकीय आईटीआई सारंगपुर का भवन शोपीस साबित हो रहा है। भवन में तैनात चौकीदार की सहमति से तैयार भवन में आसपास के टेंट व्यवसाई अपने टेंट व मैट धुलवा रहे हैं वही अराजक तत्वों ने अपना अड्डा बना लिया है।

पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत संचालन की है योजना

सरकार द्वारा जारी धनराशि 8 करोड़ 58 लाख की लागत से बनकर तैयार हुई राजकीय आईटीआई को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी हो गई है जिसके लिए बाकायदा दो बार सरकार द्वारा टेंडर भी निकाला जा चुका है लेकिन किसी संस्था द्वारा सरकार द्वारा जारी नियम कानून व शर्तों को पूरा न कर पाने के कारण राजकीय आईटीआई का संचालन शुरू नहीं हो सका था। वही सरकार द्वारा जब तीसरी बार आईटीआई संचालन का टेंडर निकाला गया तो किसी निजी संस्था ने सरकारी नियमों के तहत टेंडर ले लिया है।जिससे अब यह लग रहा है कि इस सत्र राजकीय आईटीआई सारंगपुर का संचालन हो सकेगा।गौरतलब हो कि क्षेत्र के अधिकांश गरीब युवाओं का सपना था कि राजकीय आईटीआई के निर्माण हो जाने से उन्हें दूर ना जाकर अपने क्षेत्र में ही कम खर्च में तकनीकी रूप से प्रशिक्षित होने का अवसर मिल सकेगा लेकिन जब युवाओं को जानकारी हुई की राजकीय आईटीआई का किसी निजी संस्था द्वारा संचालन होगा तो उनके सपने चूर हो गए।

क्या है पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप योजना

राजकीय आईटीआई सुलतानपुर के प्रिंसिपल अरुण कुमार के मुताबिक पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप में जो भी संस्था क्वालीफाई करेगी उसी संस्था को टूल्स, फर्नीचर और स्टाफ की व्यवस्था करनी होगी। निर्धारित कुल सीटों में से 30 प्रतिशत सीट सरकारी व्यवस्था के लिए आरक्षित होगी। जिसमें प्रत्येक छात्र से 480 रुपए सालाना फीस लिया जायेगा।शेष 70 प्रतिशत सीटों पर इंजीनियरिंग के छात्रों से 18000 नान इंजीनियरिंग वाले छात्रों से करीब 15,000 वार्षिक फीस लिया जाएगा। भवन का निर्माण राजकीय निर्माण निगम द्वारा पूर्ण कर लिया गया है। पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के लिए अब तक दो बार टेंडर कराया जा चुका है लेकिन अभी तक कोई संस्था क्वालीफाई नहीं कर पाई थी। तीसरी बार निकालें गए टेंडर में किसी निजी संस्था ने क्वालीफाई कर लिया है संस्था जब अपना कार्य शुरू कर देगी तो तैयार भवन को हैंड ओवर कर लिया जाएगा।

Report:- Gyanendra

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