जब सरकारी विभागों पर ही हजारों करोड़ रूपये का बकाया है तो बिजली विभाग का घाटे में जाना लाजमी है। इन सरकारी विभागों पर बकाया रकम जानकर आप हैरान हो जाएंगे। पूरे प्रदेश में सरकारी भवनों पर लगभग 10,740 करोड़ रूपये का बकाया है। बिजली विभाग के घाटे में जाने के कारण सरकार ने बिजली विभाग को निजीकरण करने का फैसला लिया है। जिसके बाद निजीकरण के विरोध में विभाग ने सरकारी भवनों पर बकाया बिजली बिल वसूलना शुरू कर दिया है। बता दें कि बिजली बिल बकायदारों में सरकारी संस्थानों की लंबी लिस्ट है। इन संस्थानों द्वारा बिजली बिल भुगतान नहीं करने पर बिजली विभाग ने कनेक्शन काटने की कवायद शुरू कर दी है। जिस पर कदम उठाते हुए विभाग ने डालीबाग स्थित वीआईपी गेस्ट हाउस का कनेक्शन काट दिया है।

मायावती आवास के भी कट सकते हैं कनेक्शन

बिजली विभाग ने घाटे के चलते आज बड़े अहम् कदम उठाये। आपको बता दें कि बिजली विभाग ने अस्पतालों और आवासों को छोड़कर सभी सरकारी संस्थानों बिजली बिल के बड़े बकायेदार हैं, ऐसे इमारतों को चुन-चुन कर कनेक्शन काटने की कार्यवाही शुरू की गयी। यह कार्यवाही बिजली विभाग के सुप्रीटेंडेंट इंजीनयर आरपी गुप्ता की निगरानी में की गयी। कार्यवाही करते हुए डालीबाग स्थित वीआईपी गेस्ट हाउस और कैंट रोड स्थित वीवीआईपी गेस्ट हाउस, जिनके 3 करोड़, व 2 करोड़ से अधिक बकायेदार है, कनेक्शन कनेक्शन काट दिया गया। इसी क्रम में राजभवन, लोक भवन और मायावती आवास भी बड़े बकायेदारों की लिस्ट में शामिल हैं, जिन पर कार्यवाही हो सकती है। आपको बता दें कि इसी तरह बिजली बिल बकायदारों में सरकारी भवनों की एक लंबी लिस्ट है।

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उर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा के आवास का भी बिजली का बिल बकाया

पूरे प्रदेश को अच्छी बिजली देने का वादा करने वाले उत्तर प्रदेश के उर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा के आवास का भी बिजली का बिल बकाया है। इतना ही नहीं कई माननीयों का भी बिजली बिल का भुगतान करना बाकी है। बता दें कि बिजली बिल के बड़े बकायदारों की सूची में कई न्यायधीश के साथ साथ पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ-साथ नेताजी मुलायम सिंह यादव के आवास का भी भुगतान करना बाकी है।

किस पर कितना बकाया

  • श्री कान्त शर्मा                  –        5,43,197
  • मुलायम सिंह यादव          –        2,67,615
  • अखिलेश यादव                –       18,43,150
  • राजनाथ सिंह                   –        4,31,966
  • केशव प्रसाद मौर्या            –       10,34,500
  • सूर्य प्रताप शाही               –         8,99,388
  • सत्यदेव पचौरी               –         3,42,439
  • सुरेश खन्ना                    –          8,69,673
  • ओम प्रकाश राजभर        –          1,99,661
  • सतीश महाना                 –          13,42,217

निजीकरण के विरोध में उठाया गया यह कदम

वहीं मामले पर बिजली विभाग के अधिकारियों का कहना है कि सरकारी इमारतों पर इतना बकाया इसलिए है क्योंकि पहले कभी सरकारी संस्थानों के कनेक्शन काटने के आदेश होते थे, तो मुख्यालय पर कई फ़ोन आते थे और कनेक्शन न काटने का दबाव बनाया जाता था।सरकार का तर्क है कि घाटे की वजह से निजीकरण किया जा रहा है, और जब पूरे उत्तर प्रदेश में सिर्फ सरकारी संस्थानों पर लगभग 10700 करोड़ का बकाया है तो घाटा तो होगा ही। इसी क्रम में निजीकरण के विरोध में यह कदम उठाया गया।

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