यूपी में भ्रष्टाचार इस कदर फैला है कि हर छोटे से छोटे और बड़े कार्य के लिए सरकारी बाबुओं को घूस देना पड़ता है. घूस के बिना कोई कार्य ही नहीं होता है. हर सरकारी विभाग इस घूसखोरी के चपेट में आ चुका है. ऐसा ही एक मामला परिवार कल्याण से जुड़ा है. बाबू राम किशोर रावत के घूस लेने का मामला सामना आया था, बाबू के खिलाफ योगी सरकार में स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह एक अलग ही अंदाज में दिखाई दिए थे। उन्होंने बाबू से घूस के पैसे वापस कराये और FIR भी दर्ज कराने के निर्देश दिए थे। इसी क्रम में योगी सरकार ने शुक्रवार को बाबू राम किशोर रावत को निलंबित कर दिया है।

चार सदस्यीय कमेटी का गठन:

  • मृतक आश्रित से रिश्वत लेने वाले बाबू राम किशोर रावत को योगी सरकार ने निलंबित कर दिया है।
  • इसके साथ ही प्रकरण की जांच के लिए चार सदस्यीय टीम का गठन भी सरकार द्वारा किया गया है।
  • योगी सरकार में परिवार कल्याण मंत्री रीता बहुगुणा जोशी ने शिकायतकर्ता श्वेता सिंह की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं।

बाबू से कराई थी रिश्वत वापस:

  • सिद्धार्थ नाथ सिंह ने बाबू राम किशोर रावत के खिलाफ FIR दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं।
  • मृतक आश्रित भर्ती में घूस ले रहा था परिवार कल्याण विभाग का बाबू।
  • परिवार कल्याण का घूसखोर बाबू राम किशोर रावत चर्चा में है।
  • एक से 1 लाख और दूसरे से 30 हजार रु घूस लेने का बाबू पर आरोप है।
  • इस बाबू के खिलाफ मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने FIR दर्ज करने के निर्देश दिए।
  • बाबू ने मृतक आश्रित श्वेता औऱ नीलू से काम के बदले घूस लिया था।
  • मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह के इस अंदाज को देखकर रावत ने नीलू के पैसे वापस कर दिए,
  • जबकि कहा कि अन्य किसी से पैसे नहीं लिए लेकिन घूसखोरी के मामले में अन्य कई लोगों से पैसे लेने की बात भी सामने आई है
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