Uttar Pradesh News, UP News ,Hindi News Portal ,यूपी की ताजा खबरें
Uttar Pradesh

इलाज के लिए दर दर भटकता रहा लोकतंत्र रक्षक सेनानी का परिवार

कहने को तो उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था की बेहतर तकनीक की बातें सरकार हर कार्यक्रम में गिनाती आई है, मगर ज़मीनी हक़ीकत कुछ और ही है. स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह के मुताबिक हर सरकारी अस्पताल और मेडिकल कॉलेज के ट्रामा सेंटर में ईलाज की बेहतर सुविधा है मगर एक लोकतंत्र रक्षक सेनानी एक इंजेक्शन के लिए 7 घंटों तक दर-दर भटकने को मजबूर होना पड़ा.

नहीं मिला समय पर ईलाज

फैज़ाबाद से आए लोकतंत्र रक्षक सेनानी वीरेंद्र कुमार पाण्डेय को ब्रेन हैमरेज की दिक्कत हुई तो आनन-फानन में उनके परिवार वालों ने उन्हें फैजाबाद के एक अस्पताल में भर्ती कराया, जहाँ से उन्हें ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया गया. परिजनों का कहना है कि 3 मार्च को ट्रामा सेंटर में परिवार लोकतंत्र रक्षक सेनानी वीरेन्द्र कुमार को स्ट्रेचर पर लिए ट्रामा के अन्दर चक्कर लगाता रहा. डॉक्टर के पास जाने पर परिवार को ईलाज मुहैया कराने की बजाए उन्हें टालमटोल करते रहे. काफी प्रयास के बाद तकरीबन 7 घंटों के बाद वीरेंद्र का सिटी स्कैन हो पाया, लेकिन उससे पहले डॉक्टर ने इलाज के नाम पर कोई भी मदद नहीं की.

 

[hvp-video url=”https://www.youtube.com/watch?v=LUxBH3WDwcA&feature=youtu.be” poster=”https://www.uttarpradesh.org/wp-content/uploads/2018/03/q.jpg” controls=”true” autoplay=”true” loop=”true” muted=”false” ytcontrol=”true”][/hvp-video]

 

बेमतलब साबित हुआ लोकतंत्र रक्षक सेनानी का कार्ड दिखाना 

गौरतलब है कि लोकतंत्र रक्षक सेनानी और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को इलाज की सभी सुविधाएँ तुरंत मुहैया करायी जाती है, मगर ट्रामा सेंटर में वीरेन्द्र की मदद किसी भी डॉक्टर ने नहीं की. परिवार ने जल्दी इलाज हो इसलिए स्वास्थ्य मंत्री तक को ट्वीट मार कर घटना की जानकारी दी. इसके बावजूद किसी का भी कहीं से कोई रिप्लाई नहीं आया. जिसके बाद थक हार कर परिवार ने वीरेन्द्र को ट्रामा सेंटर से किसी दूसरे अस्पताल में भर्ती कराना मुनासिब समझा.

रिपोर्ट जल्दी देने के लिए मांगे लैब टेक्नीशियन ने पैसे

परिजनों ने आरोप लगाया की 7 घंटे तक स्ट्रेचर पर मरीज को लेकर भटकने के बाद जब सिटी स्कैन की जांच रिपोर्ट जल्दी देने के लिए लैब टेक्नीशियन ने पैसे मांगे तो परिवार ने रिश्वत देना उचित नहीं समझा और सामान्य तरीके से रिपोर्ट ली जिसमे मालूम हुआ की मरीज को ब्रेन हैमरेज हुआ है. मरीज़ की हालात बिगड़ता देख परिवार ने फिर वीरेन्द्र को विवेकानंद अस्पताल में ले जा के भर्ती करा दिया गया, जहाँ पर वीरेन्द्र ICU में भर्ती हैं.

एसएससी पेपर लीक केस: लिखित में सीबीआई जांच के आदेश की मांग

Related posts

संसारपुर चौकी से फोन आने पर अपहरण की हुई जानकारी: प्रत्यक्षदर्शी के फूफा

Shivani Awasthi
6 years ago

सनकी पति ने अवैध संबंधों के शक में कर दी पत्नी की पीट-पीटकर हत्या

Sudhir Kumar
7 years ago

हरदोई में चौथे चरण के चुनाव के लिए कल हुए 18 नामांकन ।

Desk
3 years ago
Exit mobile version