उत्तर प्रदेश बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने गुरुवार को प्रेस कांफ्रेंस कर केंद्र सरकार के नोट बंदी के फैसले के खिलाफ जोरदार विरोध किया है, कांफ्रेंस में मायावती ने नोट बंदी को आर्थिक इमरजेंसी बताया था।

जमकर निकाली भड़ास:

बसपा सुप्रीमो मायावती ने गुरुवार को प्रेस कांफ्रेंस कर केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर जमकर हमला किया और अपनी भड़ास निकाली। बसपा सुप्रीमो मायावती का कहना है कि, नोट बंदी से देश में इमरजेंसी हालात हो गए हैं। आम जनता की ज़िन्दगी रुक गयी है, छोटे किसान और व्यापारी परेशान हैं।

इतना ही नहीं मायावती ने कहा कि, नोट बंदी से देश में भूकंप जैसे हालात हो गए हैं, पूरे देश में अफरा-तफरी मची हुई है। उन्होंने ये दावा किया कि, पीएम मोदी के इस फैसले से कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक लोग परेशान हैं।

इसके अलावा मायावती ने ये भी कहा कि, नोट बंदी रात के समय नहीं होनी चाहिए थी, इतना ही नहीं उन्होंने भाजपा पर अपना कालाधन विदेश में जमा करने की भी बात कही।

तो बाबा साहब के विचारों को नहीं मानती हैं मायावती?:

नोट बंदी पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने जिस तरह प्रतिक्रिया दी है, उसके बाद ऐसा प्रतीत होता है कि, बसपा सुप्रीमो बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर के आदर्शों और विचारों पर चलने का दिखावा मात्र ही करती हैं, जिस नोट बंदी का मायावती जोरदार विरोध कर रहीं हैं, बाबा साहब ने उसे जरुरी बताया था।

बाबा साहब अम्बेडकर ने अपनी किताब “PROBLEM OF THE RUPEE” में इस बात का जिक्र किया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि, ‘भ्रष्टाचार से बचने के लिए हर 10 साल में नोटों को बदलने के लिए जरुरी कदम उठाना चाहिए’।

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