देश में इन दिनों भीषण गर्मी के चलते सूखे की मार का असर और बढ़ रहा है। देश के कई हिस्सों समेत उत्तर प्रदेश राज्य का भी एक बड़ा हिस्सा सूखे की चपेट में हैं। सूबे में बुंदेलखंड का क्षेत्र सूखे की मार से सबसे ज्यादा प्रभावित है। बुंदेलखंड के गिरते जलस्तर की समस्या को सुलझाने के लिए एडिशनल डीजीपी मोदी ने नयी तकनीक के बारे में बताया।

28 महीने में दूर हो सकता है जल संकट:

  • उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में सूखे की समस्या से निपटने के लिए उत्तर प्रदेश के एडिशनल डीजीपी महेंद्र मोदी ने कुछ तकनीक की जानकारी दी।
  • झाँसी में आयोजित एक जल कार्यक्रम के अंतर्गत महेंद्र मोदी ने दी जानकारी।
  • इस तकनीक के जरिये मात्र 28 महीने में बुंदेलखंड क्षेत्र की सूखे के समस्या को काफी हद तक सुधारा जा सकता है।
  • उन्होंने कहा कि, “कुंओं में पानी का स्तर बढ़ाने के लिए उसके आसपास ट्रेंच खोदे जाएँ”।
  • “कुंओं को ढककर रखना चाहिए, इससे कुंओं में वाष्पीकरण की प्रक्रिया नहीं होगी”।
  • इससे कुंए की रिचार्ज क्षमता में 35 फीसदी की बढ़ोत्तरी होगी।
  • “तालाबों को अधिक चौड़ा नहीं बनाना चाहिए, इससे सफाई में अधिक खर्च के साथ ही पानी भी अधिक मात्रा में भाप बनकर उड़ जाता है”।
  • बारिश के पानी का संरक्षण 1-1 हजार लीटर की दो टंकियां में कर सकते हैं, इस संरक्षित पानी से करीब 5 महीने तक घरेलू काम किये जा सकते हैं।
  • एडिशनल डीजीपी (विजिलेंस) महेंद्र मोदी ने बताया कि, झाँसी क्षेत्र में कंचनपुर, खैरा, अम्बावाय, रक्सा जैसे क्षेत्रों में इस तकनीक के जरिये जलस्तर को बढ़ाने में मदद मिली है।
UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें