यूपी के पुलिस महानिदेशक सुलखान सिंह की अध्यक्षता में मुख्यालय पर बैठक हुई (DGP meeting) जिसमें मुख्यालय में नियुक्त समस्त अपर पुलिस महानिदेशक, पुलिस महानिरीक्षक, अपर पुलिस महानिदेशक, अभिसूचना एवं जोनल अपर पुलिस महानिदेशक/पुलिस महानिरीक्षक सम्मिलित हुए। बैठक में उप्र पुलिस के लिये कार्ययोजना तैयार की गयी है।

लिए गए ये निर्णय

  • डीजीपी ने निर्देश दिए हैं कि जो पुलिस अधिकारी जो स्थानान्तरण नीति के विरूद्ध जनपदों में तैनात हैं, उन्हें तत्काल हटाकर नियमानुसार तैनात किया जाये।
  • लम्बे समय से एक ही क्षेत्र/रेंज/जोन में तैनात उप निरीक्षक/निरीक्षक को दूर तैनात किया जाये।
  • अपराधों में शामिल या अपराधियों से सम्बन्ध रखने वाले पुलिस कर्मियों के विरूद्ध विभागीय कार्रवाई की जाये एवं इन्हें दूर स्थानान्तरित किया जाये।
  • जनपदों/जीआरपी में सट्टा, जुआ तथा अवैध शराब के विरूद्ध सघन अभियान चलाकर रोक लगाई जाये। आदतन अपराधियों के विरूद्ध गिरोह बन्द की कार्रवाई की जाये।
  • शिथिल/असफल थाना प्रभारी/चौकी प्रभारी/पुलिस उपाधीक्षक के विरूद्ध कार्रवाई की जाये।

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यातायात पुलिस वसूली कम करे

  • डीजीपी ने कहा कि सार्वजनिक स्थानों एवं सड़कों पर यातायात अनुशासन तत्काल सुनिश्चित किया जाये।
  • गलत नम्बर प्लेट, हूटर-सायरन, लाल-नीली बत्तियां, झण्डे, तख्तियां इत्यादि लगाने पर रोक लगाई जाये।
  • सीट बेल्ट लगाना, हेलमेट पहनना सुनिश्चित किया जाये।
  • काली फिल्में हटवायी जायें।
  • यातायात पुलिस चुस्त-दुरूस्त, स्मार्ट वर्दी में रहे।
  • यातायात पुलिस द्वारा वाहनों से पैसा वसूली पर तत्काल रोक लगाई जाये।
  • चौराहों से 25 मीटर तक किसी तरह के ठेले/वाहन इत्यादि खड़े न होने दिये जायें।
  • माफिया एवं अन्य प्रभावशाली अपराधियों की सूची बनाकर उनके विरूद्ध सख्त वैधानिक कार्रवाई की जाये।
  • इनके विरूद्ध विवेचनाधीन मामलों में गहनता से विवेचना कराकर आरोप पत्र प्रेषित किया जाये।
  • इनके जमानतियों का सत्यापन कराया जाये।

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विचाराधीन प्रकरणों में हो सघन पैरवी

  • पुलिस महानिदेशक ने कहा कि न्यायालयों में विचाराधीन प्रकरणों में सघन पैरवी कराकर प्रकरणों को समयबद्ध ढंग से अन्तिम परिणाम तक पहुंचाया जाये।
  • जमानत पर छूटे हुए माफिया और गिरोहबन्द अपराधियों की जमानतें निरस्त करायी जायें।
  • नकबजनी, चेन स्नेचिंग तथा लुटेरों/डकैतों के गिरोहों को चिन्हित करके उनके विरूद्ध अभियान चलाया जाये।
  • बाजारों, माॅल्स, सार्वजनिक स्थानों, पार्कों इत्यादि में सादी वर्दी में महिला एवं पुलिस अधिकारियों के स्क्वाड तैनात किये जाय, महिला/लड़कियों से छेड़छाड़ रोकने व अन्य अवांछित गतिविधि में लिप्त लोगों के विरूद्ध कार्रवाई करें।
  • क्षेत्र के समस्त शत्रुता एवं विवादों को चिन्हित कर रजिस्टर में दर्ज किया जाये।
  • विवादों को हल कराया जाये तथा आवश्यकता पड़ने पर निरोधात्मक कार्रवाई करायी जाये, जिससे बलवा/हत्या इत्यादि की घटना न हो सके।
  • जमीनों पर कब्जा करने वालों की सूची बनायी जाये।
  • विगत पांच वर्षों में जमीनों/प्लाॅटों पर कब्जा करने वालों की सूची बनाकर उनके विरूद्ध सख्त वैधानिक कार्रवाई की जाये।
  • हिस्ट्रीशीटरों, नकबजनों, वाहन चोरों, चेन स्नेचर्स इत्यादि की निगरानी सख्ती से की जाये।
  • इनके जमानतदारों का सत्यापन कराया जाय एवं उचित कार्यवाही की जाये।
  • भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर निगरानी रखी जाये, ताकि कोई आतंकवादी घटना न हो सके।
  • वहां के दुकानदारों इत्यादि का सहयोग प्राप्त किया जाय ताकि कोई संदिग्ध गतिविधि होने पर तत्काल सूचना मिल सके।

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कम्युनिटी पुलिसिंग पर जोर

  • कम्युनिटी पुलिसिंग पर जोर दें। अधिकारी जन सहयोग प्राप्त करें।
  • जन सम्पर्क तेज किया जाये।
  • स्थानीय सहयोग से सीसीटीवी/चौकीदार इत्यादि की व्यवस्था करायी जाये।
  • गोवध एवं गोवध के लिए गोवंश के परिवहन पर सख्ती से रोक लगायी जाये।
  • ऐसे अपराधियों के विरूद्ध राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम/गिरोहबन्द अधिनियम के अन्तर्गत कार्यवाही की जाये।
  • सड़कों पर पुलिसजन/होमगार्ड द्वारा वाहनों से वसूली रोकी जाये।
  • आने वाले त्योहारों के बारे में अभी से अध्ययन कर लिया जाये एवं किसी भी विवादित बिन्दु को हल कराया जाये।
  • आवश्यकतानुसार निरोधात्मक कार्यवाही की जाये।
  • नोएडा एवं गाजियाबाद के जनपदों की पुलिसिंग सीमावर्ती दिल्ली से बेहतर बनायी जाये।

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इन बिन्दुओं पर खास ध्यान

1- यातायात अनुशासन
2- पुलिसजनों का यूनीफार्म/टर्न आउट
3- पुलिस के वाहन अच्छी दशा में हों
4- बाहर से आने वालों की उचित सहायता एवं मार्गदर्शन किया जाये

स्टेशनों पर अनुशासन

  • जी.आर.पी. द्वारा स्टेशनों पर अनुशासन एवं व्यवस्था कायम की जाये।
  • अवैधानिक रूप से चल रहे वेन्डरों इत्यादि को बाहर किया जाये।
  • अधिक समय से जीआरपी में तैनात अधिकारियों/कर्मचारियों को हटाया जाये।
  • ट्रेन स्कोर्ट प्रभावी बनाया जाये।
  • आर.पी.एफ. के साथ सामन्जस्य स्थापित करके रेलगाड़ियों में अपराधियों पर अंकुश लगाया जाये।
  • प्रत्येक जेल के बाहर पुलिस पोस्ट बनायी जाये, जो अपराधियों से मिलने वालों तथा छूटने वाले अपराधियों पर भी नजर रखें।
  • (DGP meeting) सीसीटीवी लगाकर अपराधियों के आवागमन पर निगरानी रखी जाये।

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