उत्तर प्रदेश पुलिस के महानिदेशक ओम प्रकाश सिंह शनिवार को मेरठ पहुंचे यहां रिजर्व पुलिस लाइन पहुंचे। उनके आने की जानकारी मिलते ही पुलिस महकमें में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में एसएसपी मंजिल सैनी सहित शहर के सभी अफसर पुलिस लाइन पहुंचे। डीजीपी ओपी सिंह का पुलिस अधिकारियों ने सलामी देकर स्वागत किया। इसके बाद उन्होंने पुलिस अधिकारियों के साथ पश्चिमी यूपी में बढ़ रहे अपराध पर समीक्षा मीटिंग की।

पश्चिमी यूपी के कई जिलों के कप्तान मीटिंग में रहे मौजूद

बता दें कि मेरठ जिला में पिछले दिनों हुए कई डबल मर्डर और आये दिन हो रहे गवाहों की हत्या के साथ बदमाशों द्वारा चलाई जा रही दिनदहाड़े गोलियों पर डीजीपी काफी गंभीर हैं। उन्होंने मेरठ जोन के बागपत, बुलंदशहर, गौतमबुद्ध नगर, मेरठ, हापुड़, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर और शामली जिले के कप्तानों को तलब कर पेंच कसे। डीजीपी एसएसपी मेरठ को निर्देश दिए हैं कि वह खासकर जिला में अपराधों पर नियंत्रण करें।

गांधीगिरी करने का पढ़ाया पाठ

डीजीपी ने पुलिस लाइन में घंटों चली बैठक में सड़क पर गुंडागर्दी करने वालों पर लगाम कसने वालों और सनसनीखेज वारदातों का खुलासा करने के डीजीपी ने निर्देश दिए। डीजीपी ओपी सिंह ने समीक्षा बैठक करके क्राइम में जोन के सभी जिलों की स्थिति जानते हुए वांछित अपराधियों को भी गिरफ्तार करने के निर्देश दिए। डीजीपी ने मीटिंग के दौरान ये भी कहा कि लापरवाह पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई करने के बजाय उन्हें समझाकर समस्या हल करने का पाठ पढ़ाया।

हर महीने सर्वश्रेष्ठ काम करने वाला सिपाही होगा सम्मानित

मीटिंग में डीजीपी ने कहा कि पुलिस क्रिमिनल इंटेलिजेंस बढ़ाएं और व्यवहार अच्छा करें। जिससे जनता में उनकी छवि निखर सके। उन्होंने हर महीने सर्वश्रेष्ठ काम करने वाले एक सिपाही को सम्मानित करने और उसकी फोटो संबंधित थाने में लगाने के भी निर्देश दिए। डीजीपी ने पुलिस अफसरों और कर्मचारियों का मनोबल बढ़ाते हुए उन्हें बेहतर काम करने के लिए प्रेरित किया।

किसी तरह के दबाव में काम ना करें पुलिसकर्मी

डीजीपी ने कहा कि पुलिसकर्मी किसी तरह के दबाव में काम ना करें जनता के बीच आ जाएं और उनकी समस्याएं निस्तारित करें।इससे जनता के बीच पुलिस की छवि बेहतर होगी। पुलिस को क्रिमिनल इंटेलिजेंस मजबूत बनाने, सनसनीखेज वारदातों का खुलासा करने, शिकायतों पर FIR दर्ज करने के निर्देश दिए।

थानेदारों का बार-बार इधर-उधर तबादला ना हो

उन्होंने कहा कि थाने में तैनात इंस्पेक्टर, एसओ का कार्यकाल लंबे समय का होना चाहिए। बार-बार इधर से उधर तबादला करने पर उनकी कार्य क्षमता प्रभावित होती है। उन्होंने पुलिसकर्मियों के गलती करने पर सजा से ज्यादा जवाबदेही तय करने की बात भी कही।

कार्यालय का भी किया उद्धघाटन

डीजीपी ने पुलिस के एक कार्यालय का भी उद्धघाटन किया। बता दें कि मेरठ में बढ़े अपराध के ग्राफ से पुलिस के अधिकारियों के हाथपैर फुले थे। हालांकि डीजीपी पुलिस अधिकारियों से जनता के बीच जाकर बेहतर संबंध स्थापित करने के टिप्स दे रहे हैं।

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