प्रदेश में बढ़ते अपराधों पर अंकुश के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सख्ती के बाद प्रदेश पुलिस सक्रिय हो गई है. डीजीपी ओपी सिंह ने इस बाबत बीती रात वीडियो कांफ्रेंसिंग कर सभी जिलों के एसपी, आईजी और एडीजी जोन को अपराधियों के खिलाफ और सख्ती करने के निर्देश दिए. उन्होंने इसके लिए तेरह सूत्रीय बिंदुओं पर समीक्षा की।

वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरीये एसपी, आईजी को दिए निर्देश:

उत्तर प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह ने बुधवार देर शाम वीडियो कांफ्रेंसिंग कर प्रदेश भर के पुलिस अधीक्षकों से अपराध सम्बन्धी 13 मामलों को लेकर समीक्षा बैठक की. इस बैठक में डीजीपी ने अपराध पर अंकुश लगाने व जघन्य अपराधों पर नकेल कसने के लिये कई निर्देश दिए.

-इन निर्देशों के आधार पर डीजीपी ओपी सिंह ने सभी जिलों के एसपी, आईजी और एडीजी जोन से कहा कि पांच गंभीर अपराधियों के मामले में पैरवी पर नज़र रख।

-पुलिस अधीक्षकों से कहा कि अपराधियों के नए गैंग का पंजीकरण किया जाए।

-प्रदेश के सभी सनसनीखेज अपराधों की समीक्षा करें और उनमें शामिल सभी अपराधियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए।

-उन्होंने निर्देश दिए कि संपत्ति संबंधी अपराधियों के संबंध में एक अलग से रजिस्टर बनाएं।

-कुख्यात अपराधियों की हिस्ट्रीशीट खोली जाए।

-साथ ही जमानत पर छूटे अपराधियों का सत्यापन किया जाए।

-पुरस्कार घोषित अपराधियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई हो।

-पुलिस व न्यायिक हिरासत से भागे अपराधियों के खिलाफ गंभीरता से कार्रवाई की जाए।

-जिले के टॉप 15 अपराधियों की सूची बने और उनपर निगरानी की जाये.

-ये सूची IG/DIG रेंज से अनुमोदन कराकर बनाएं सूची.

-हर थाने पर टाप 10 अपराधियों की सूची बनाई जाए और उनकी लगातार निगरानी की जाए।

-एसपी/एसएसपी से अनुमोदन कराकर बनाएं सूची।

-जेल में बंद कुख्यात अपराधियों पर नज़र रखी जाए और उनके संगी-साथियों पर कड़ी निगरानी की जाए।

-सनसनीखेज घटनाओं में शामिल अभियुक्तों के विरुद्ध एनएसए और गैंगस्टर लगाया जाए।

-इसके अलावा पुलिस से मारपीट के मामलों में भी कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।

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