डीजीपी (dgp order) सुलखान सिंह ने सभी पुलिस अधीक्षक/डीआईजी/आईजी/एडीजी जोन प्रतिदिन पूर्वान्ह में 10:00 बजे से 13:00 बजे तक अपने कार्यालय में अवश्य बैठें। वहां पर कार्यालय के कार्यों को निपटायेंगे तथा नागरिकों से मुलाकात करके उनकी शिकायतों का निस्तारण करेंगे। नागरिकों की शिकायतों के निराकरण पर पूरी गम्भीरता एवं तत्परता बरती जाये।

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प्रत्येक शुक्रवार को परेड पर अवश्य जाने के निर्देश

  • डीजीपी ने प्रदेश के सभी पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिए हैं कि प्रत्येक शुक्रवार को परेड पर अवश्य जायें।
  • इस दिन वे पूरी पुलिस लाइन का भ्रमण करके वहां की व्यवस्था को चुस्त-दुरूस्त बनायें।
  • उन्होंने कहा कि अभिलेखों का निरीक्षण हो। शस्त्रागार की चेकिंग की जाये।
  • अर्दली रूम नियमित रूप से संचालित किया जाये।
  • थानों के निरीक्षण, क्षेत्र भ्रमण/रात्रि विश्राम पूर्ववत कड़ाई से किये जाएं।
  • पुलिस अधिकारियों/कर्मचारियों की परेशानियों/शिकायतों का निराकरण पुलिस अधीक्षक प्राथमिकता के आधार पर करें।

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  • विशेष तौर पर अवकाश, ड्यूटी से विश्राम, भोजन, शौचालय, स्नानागार, आवास की व्यवस्था, चिकित्सा की व्यवस्था तथा परिवार कल्याण के मामले गहराई से देखकर उनका निराकरण कराया जाये।थानाध्यक्ष/प्रतिसार निरीक्षक ड्यूटी स्वयं निकालें।
  • थानाध्यक्ष थाने का मासिक निरीक्षण, दैनिक मुआयना मालखाना एवं नक्शा नौकरी खुद लिखें।
  • थाने के प्रशासन पर थानाध्यक्ष का गहन पर्यवेक्षण होना चाहि ।
  • ड्यूटियां लगाने का काम हेड मोहर्रिर/गणना मुन्शी को न सौंपा जाये।

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ड्यूटी से पहले ब्रीफिंग के निर्देश

  • डीजीपी ने कहा कि गश्त/पिकेट जैसी दैनिक ड्यूटियों मेें जाने से पूर्व अधिकारियों/कर्मचारियों की थाना प्रभाारी द्वारा स्पष्ट ब्रीफिंग की जाये।
  • स्थायी ड्यूटी/लम्बे समय तक चलने वाली ड्यूटी जैसे गार्ड, पिकेट इत्यादि के लिखित स्थायी आदेश दिये जायें।
  • अभियुक्तों/बन्दियों के स्कोर्ट के सम्बन्ध में बन्दी की प्रकृति के अनुसार स्पष्ट निर्देश/लिखित स्थायी आदेश दिये जायें।
  • कचेहरी/लाॅक-अप ड्यूटियां तीन-चार माह में बदल दी जायें।
  • किसी भी बन्दी के साथ बार-बार वही कर्मचारी न भेजे जायें।
  • इन्हें हर बार बदल दिया जाये।

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  • किसी जांच/चरित्र सत्यापन/पासपोर्ट/लाइसेन्स प्रार्थना पत्र में सामान्यतया एक सप्ताह में रिपोर्ट लगा दी जाये।
  • विलम्ब करने पर सख्त कार्रवाई की जाये।
  • प्रत्येक एन.सी.आर. की जांच तीन दिन में करके उपयुक्त कार्रवाई की जाये।
  • आक्रामक पक्ष के विरूद्ध ही कार्रवाई की जाये। इसके अलावा (dgp order) टेम्पो/रिक्शा/आॅटो में ओवरलोडिंग/अधिक सवारी बैठने पर रोक लगायी जाये।

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