फतेहपुर जनपद के सरकारी अस्पताल सदर में डॉक्टरों और उनके स्टाफ में उस समय हड़कंप मच गया जब जिले की मुख्य विकास अधिकारी चांदनी सिंह ने औचक निरीक्षण किया। सदर अस्पताल में आये दिन लोग तरह तरह की शिकायतें करते रहते है और लोगो की शिकायतों का तांता लगा रहता है. इस बाबत जब अधिकारियों ने अस्पताल का निरीक्षण किया तो उनको 80% डॉक्टर ही मौजूद मिले बाकी नही।

डॉ बाहर की लिखते हैं दवाई:

इतना ही नहीं कुछ ही गिनी चुनी दवाओं के होने की जानकारी मिली और ज्यादातर दवाओं का नहीं होने का बहाना दिखा। सदर अस्पताल के एकलौते रेडियोलॉजिस्ट डॉक्टर मनु गोपाल, जो कि अल्ट्रासाउंड करते है, कभी अस्पताल नहीं आते हैं और उनकी सेलेरी उसी तरह मिलती रहती है. इसी गैरजिम्मेदाराना हरकत पर कोई कार्रवाई नही होती है.
वहीं अस्पताल में पानी के लिए शुद्ध पेयजल का बोर्ड तो है पर पानी नही आता है। निरीक्षण के दौरान साफ सफाई की व्यवस्था दुरुस्त नही मिली और न ही मरीजो के लिए कोई सही बैठने की ही व्यवस्था मिली।

गंदगी के मामले में बुरी हालत में अस्पताल:

जांच केंद्र के पास इन्फेक्टेड रुई का ढेर मिला और कूड़ेदान की व्यवस्था तो इतनी बुरी थी कि दूर से ही बदबू आ रही थी। शौचालय गन्दगी से भरा पड़ा मिला और गन्दगी का भंडार मिला जिसको देख कर बाहर से ही जाने का मन न हो।
सात महीने पहले आई डिजिटल एक्स रे मशीन चालू तो हो गया पर लोगो को मोबाइल में उनका एक्स रे दिया जा रहा है. नई डिजिटल एक्सरे में लगी मशीन में रेडियेशन से सुरक्षा के कोई इंतजाम नही है पर काम शुरु है. किसी प्रकार की कोई व्यवस्था उपलब्ध नही मिली।

बाहर से होती हैं जांचे:

पैथोलाजी होने के बाद भी डॉक्टर बाहर की जांच लिखते है और कराते है. कई लोगों ने इन समस्याओं की शिकायत भी की.
अधिकारियों ने सभी सूचनाओं को नोट किया और जो सूचनाएं सीएमएस से सही हो सकती थी, उनकी चर्चा की और निर्देशित किया. वहीं अन्य समस्याओ को शासन से कार्यवाही करवाने का आशवासन दिया।

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