Uttar Pradesh News, UP News ,Hindi News Portal ,यूपी की ताजा खबरें
Uttar Pradesh

बस्ती: जिला अस्पताल का कर्मचारी है खून का कारोबारी, फिर भी नहीं हुई गिरफ्तारी

District Hospital lab technician sold blood not arrested

District Hospital lab technician sold blood not arrested

उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में दो माह पहले ग़रीब मज़दूरों को बहला फुसला कर खून निकालने वाले गिरोह के सरगना को बस्ती पुलिस अब तक नहीं पकड़ सकी है. जब कि डीएम राजशेखर की जांच रिपोर्ट मे जिला अस्पताल के लैब टेक्निशियन सुशील सिंह को दोषी पाया गया है, मगर कोतवाली पुलिस है कि गिरोह के सरगना को पकड़ने की हिम्मत नही जुटा पा रही.

ज़िला अस्पताल के लैब टेक्निशियन को अब तक नहीं गिरफ्तार कर सकी पुलिस:

बता दे कि जिला अस्पताल में लैब टेक्निशियन के पद पर कार्यरत सुशील सिंह खून के बैग को अस्पताल से चोरी कर बाहर प्रयोग करता था.

जिन ग़रीब मज़दूरों और बच्चों के शरीर से खून निकाला जाता था, उनके खून को बैग मे रख कर संतकबीरनगर के पटेल नर्सिंग होम मे सप्लाई किया जाता था.

मगर मामला सामने आने के बाद अपने रसूख़ के बल पर सुशील सिंह के गिरेबान तक अब पुलिस नही पहुंच सकी है.

डीएम की रिपोर्ट में सरकारी अस्पताल के 2 अन्य कर्मचारियों के भी नाम:

वहीं कुछ दिन पहले पकड़े गए खून के सौदागरों के पीछे के किरदार अब सामने आ गए हैं. डीएम की रिपोर्ट में खून की ख़रीद फ़रोख्त करने वालों में जिला अस्पताल का सरकारी कर्मचारी भी शामिल है.

डीएम ने सीएमओ को दोषी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिये पत्र लिखा है.

महीने भर पहले बस्ती के एक गांव में खून का सौदा करने वाले दो सौदागर गिरफ्तार किये गये थे. जिन पर आरोप था कि वे ग़रीब बच्चों को पैसा और काम का लालच देकर बहला फुसलाकर ले जाते और नशीला पदार्थ खिलाकर खून निकाल लिया करते थे.

बच्चों और गरीबों का खून संत कबीर नगर के नर्सिंग होम में बेचते थे आरोपी:

एक ही गांव के दर्जनों बच्चों के साथ हुई इस सनसनीखेज वारदात के बाद मामला पुलिस के पास पहुंच गया और गिरोह के दो सदस्य आकाश और डाक्टर प्रभाकर गिरफ्तार कर लिये गये.

दोनों से जब पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो पता चला कि वे लोग गरीब, बच्चों और मज़दूरों के शरीर से खून निकालने का गोरख धंधा काफी दिनों से चला रहे हैं.

खून का कारोबार करने वाले गिरोह के ये दोनों सदस्य शहर के अलग-अलग ब्लड बैंकों में खून को चार गुना दामों पर सप्लाई करते थे.

खून के कारोबारी गिरोह को आरोपी कर्मचारी ब्लैक में बेचते:

इसके बाद पुलिस इससे जुड़े लोगों की जांच की, जिसमें जिला अस्पताल के ब्लड बैंक का लैब टेक्नीशियन सुशील सिंह और कैली अस्पताल के ब्लड बैंक का इंचार्ज शामिल है.

ये सभी बच्चों के निकाले खून को हाई वे पर स्थित पटेल अस्पताल में सप्लाई करते थे.

आरोपी के बारे में पता होने के बाद भी नहीं हो रही गिरफ्तारी:

लैब टेक्नीशियन सुशील पर आरोप है कि वह खून रखने के लिये सरकार से मिले बैग को ब्लैक में गिरोह को बेच देता था.

डीएम ने जांच करने के बाद सीएमओ को सभी दोषी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिये पत्र लिखा है, मगर अभी तक किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कोई भी एक्शन नहीं लिया गया है.

डीएम और एएसपी ने बताया कि उन्होंने इस मामले की जांच की है. जिसमे दो सरकारी स्वास्थ्य कर्मी की मिली भगत पाई गई है.

उन्होंने बताया कि उनके खिलाफ कार्रवाई के लिये सीएमओ को पत्र भी लिखा गया है. पुलिस अभी भी गिरोह के अन्य साथी आरोपियों की तलाश में लगी है. पुलिस भी जल्द गिरोह के पीछे अन्य आरोपी साथियों को पकड़कर जेल भेजेगी.

Related posts

पूर्व एमएलसी रामनरेश मिनी को शिवपाल ने बनाया प्रसपा का राष्ट्रीय महासचिव

Shashank
6 years ago

इंदिरानगर पुलिस के हाथ लगी बड़ी कामयाबी, 23 अप्रैल को लापता हुई 3 नाबालिक लड़कियों को इंस्पेक्टर मुकुल प्रकाश वर्मा ने टीम के साथ सकुशल किया बरामद, परिवार वालों से नाराज होकर बच्चियों ने छोड़ा था घर, साइकिल से ही बच्चियां सीतापुर होते हुए पहुंच गई लखीमपुर जनपद, रात में हाइवे पर ढाबे में खाया खाना, हो सकती थी कोई भी अनहोनी, बच्चियों के पास सेलफोन न होने के कारण पुलिस को करनी पड़ी काफी मशक्कत, एसएसपी दीपक कुमार के निर्देश पर तफ्तीश में जुटी पुलिस ने अनहोनी टाल बच्चियों को पहुंचाया घर।

Ashutosh Srivastava
6 years ago

वीडियो: स्कूली बच्चों ने जागरूकता रैली निकाल की मतदान करने की अपील!

Sudhir Kumar
7 years ago
Exit mobile version