प्रदेश सरकार द्वारा मरीजों को तमाम स्वास्थ्य सुविधाएं निःशुल्क मुहैया कराई जा रही है इसलिए चिकित्सकों/पैरामेडिकल स्टाफ का दायित्व बनता है कि मरीजों का बेहतर ढंग से उनका स्वास्थ्य परीक्षण करके सरकार द्वारा प्रदत्त सभी स्वास्थ्य सुविधाओं को निःशुल्क मुहैया कराया जाय और सभी दवायें अस्पतालों से ही प्रदान की जाय ताकि मरीजां को इधर-उधर भटकना न पड़े।
         उक्त निर्देश जिलाधिकारी दीपक मीणा ने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भंगहा का औचक निरीक्षण करने के दौरान दी है।

निरीक्षण में दिखी कुव्यवस्था:

डीएम जब सामुदायिक भवन का निरीक्षण करने पहुंचे तो पाया की सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र की छतों में शीलन आ रही थी तथा पानी पूरे फर्श पर फैला हुआ था वहीं पर उपस्थित मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 वी0के0 सिंह को निर्देश दिया कि हो रही सीलन का निस्तारण जल्द से जल्द करायें। जिलाधिकारी ने प्रसव रजिस्टर की जांच की जिसमें देखा गया कि इस माह में लगभग 72 संस्थागत प्रसव कराये गये हैं जिनमें से कुछ बच्चों का वजन कम होने के कारण उनको संयुक्त जिला चिकित्सालय भिनगा रेफर किया गया है जिस पर जिलाधिकारी ने स्टाफ नर्स द्वारा भेजे गये बच्चों की मानिटरिंग के बारे में पूछा जिस पर कोई संतोषजनक उत्तर नही मिला, इस  पर जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि जिन बच्चों को एस0एन0सी0यू0 में भेजा जाए उनकी मानिटरिंग करना भी सुनिश्चित करें। पोषण पुर्नवास केन्द्र जाकर वहां पर उपस्थित मरीजों एवं तीमारदारों द्वारा मिल रहे भोजन के बारे में जानकारी ली।

  एम0सी0टी0एस0 नंबर अपडेट न होने का कारण पूछा:

तदोपरान्त जिलाधिकारी ने टीकाकरण की टैली सीट का अवलोकन किया जिस पर ज्ञात हुआ कि कई महीनों से एम0सी0टी0एस0 नम्बर अपडेट नही हुआ, वहीं पर उपस्थित एम0सी0टी0एस0 आपरेटर से एम0सी0टी0एस0 नम्बर अपडेट न होने का कारण पूछा जिस पर बताया कि ए0एन0एम0 द्वारा नम्बर नही दिया जाता वंही पर उपस्थित बी0सी0पी0एम0 को कड़ी फटकार लगाई तथा निर्देश दिया कि शत-प्रतिशत एम0सी0टी0एस0 नम्बर अपडेट होने चाहिए।

जननी सुरक्षा योजना का लाभ लंबित न रहे:

साथ ही जननी सुरक्षा योजना के तहत दिये गये भुगतान की स्थित के बारे में जानकारी ली और निर्देश दिया कि जननी सुरक्षा योजना का भुगतान लम्बित न मिलें। इसके साथ ही ए0एन0सी0 रजिस्टर, एस0आर0पी0 रजिस्टर, कोल्ड चेन कक्ष, इमरजेन्सी कक्ष, पैथालोजी कक्ष सहित अन्य अभिलेखों का निरीक्षण किया।
 जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देश दिया कि सभी सी0एच0सी0/पी0एच0सी0 में दवाइयों की उपलब्धता का अंकन हिन्दी में करावें जिससे मारीजों/तीमारदारों को दवाइयों के बारे में जानकारी मिल सके। साथ ही जिलाधिकारी ने डिजिटल डिस्प्ले लगाने के लिए कहा।
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