उत्तर प्रदेश सरकार ने कर्मचारी राज्य बीमा योजना के तहत एलोपैथिक, आयुर्वेदिक एवं होम्योपैथिक चिकित्सा अधिकारियों, विशेषज्ञों एवं पैरामेडिकल स्टाफ की नियुक्ति संविदा के आधार पर करने की अनुमति कुछ शर्तों पर प्रदान कर दी है। साथ ही संविदा के आधार पर नियुक्त किये जाने वाले चिकित्सकों एवं पैरामेडिकल स्टाफ की अधिवर्षता आयु बढाकर 62 वर्ष कर दी गयी है। जिससे अब उन्हें कुछ समय और अपनी सेवाएं देने का मौका मिलेगा।

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मरीजों को होगा फ़ायदा

  • मरीजों की सुविधा और डॉक्टर्स की कमी को देखते हुए सरकार ने डॉक्टर्स की सेवानिवृत्ति आयु बढ़ा दी है।
  • उत्तर प्रदेश सरकार ने कर्मचारी राज्य बीमा योजना के तहत ये बड़ा फैसला लिया है।
  • सरकार ने एलोपैथिक, आयुर्वेदिक एवं होम्योपैथिक चिकित्सा अधिकारियों की सेवानिवृत्ति आयु बढ़ा दी है।
  • चिकित्सा अधिकारियों की सेवानिवृत्ति आयु शर्तों संग 60 वर्ष से बढ़ाकर 62 वर्ष कर दी गयी है।
  • अपर मुख्य सचिव श्रम एवं सेवायोजन राजेन्द्र कुमार तिवारी ने यह जानकारी दी।
  • साथ ही वर्तमान में कार्यरत चिकित्साधिकारियों में जो 60 वर्ष की आयु पर सेवानिवृत्त होना चाहें, उन्हें विकल्प प्रदान किया जायेगा।
  • इसी प्रकार चिकित्सा सेवाओं में गुणात्मक सुधार के दृष्टिकोण से 60 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुके हैं।
  • ऐसे चिकित्साधिकारी, जिनका कार्य संतोषजनक नहीं है या जिनकी सत्यनिष्ठा संदिग्ध है।
  • जिनके विरुद्ध गंभीर शिकायतें हैं या शारीरिक अस्वस्थता है, ऐसे कार्मिकों की स्क्रीनिंग करते हुए उन्हें 60 वर्ष की आयु पर सेवानिवृत्त कर दिया जायेगा।

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