सूबे में भाजपा की सरकार आने के बाद जहाँ तबादलों का दौर चल रहा है. उसी कड़ी में अब स्वास्थ्य विभाग में वार्षिक तबादला नीति के तहत दस वर्ष पूरे हो चुके 482 डाक्टरों के तबादले होने की आशंका है. तबादले के लिए ऐसे सभी डॉक्टर्स से डाक्टरों से तीन जिलों का विकल्प मांगा गया है. हालांकि जानकारी के मुताबिक अभी तक सभी डॉक्टर्स ने ये विकल्प नहीं दिया है.विकल्प न देने वाले डॉक्टर्स का तबादला कहहि भी किया जा सकता है.

10 वर्ष पूरे हो चुके डाक्टरों की लिस्ट तैयार

  • स्वास्थ्य महानिदेशालय में मानव सम्पदा साफ्टवेयर पर 10 वर्ष पूरे हो चुके डाक्टरों की लिस्ट तैयार हो चुकी है.
  • डाक्टरों को निर्देश दिया गया है कि वह तबादला नीति के तहत तीन जिलों का चयन जल्द करे.
  • तीन जिलों का विकल्प दर्ज न करने की हालत में उनका तबादला कही भी किया जा सकता है.
  • इसमें एक ही जिले के तीन अस्पताल या कार्यालय का नाम न दिये जाने को कहा गया है.
  • अगर विकल्प सही तरीके से नहीं भरा गया तो शासन पूरे प्रदेश में स्थान रिक्त होने पर कही भी कर सकता है.
  • इसके तहत वर्षो से जमे मनचाहे पद में वर्षो से जमे डाक्टरों में हड़कम्प मच गया है.
  • ज्यादातर डाक्टर अस्पतालों में मनचाही पोस्टिग करा कर एक ही अस्पताल में वर्षो से जमे है.
  • वह जुगाड़ के चलते महानिदेशालय की भी तबादले के मामले में नहीं चलने देते हैं.
  • अब चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने तबादला नीति को पारदर्शी करते हुए तबादला कारोबार पर लगाम कस दिया है.
  • तबादला नीति की प्रक्रिया जोकि होगी, वह ऑनलाइन ही होगी.
  • ऑनलाइन प्रक्रिया की बात होने के बाद से ही डाक्टरों में हड़कम्प मच गया है.
  • और अब डॉक्टर्स इससे बचने के लिए नए जुगाड़ में लग गए हैं.
  • डाक्टर तबादला नीति के तहत लखनऊ के आस-पास के जनपद का चयन भरना चाहते है.
  • ऐसे में रिक्त पदों पर भी वेंटिग और सिफारिश चलने की उम्मीद है.
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