यूपी पुलिस अपराध छिपाने के लिए तो अनेक हथकंडे अपनाती है। लेकिन अपराध दर्ज करने में भी खूब आनाकानी करती है। यह हम नहीं बल्कि राजधानी लखनऊ के नागरम थाने पर 42 महीने बाद दर्ज हुआ दहेज हत्या (Dowry murder) का मुकदमा खुद इसका गवाह है। हालांकि यह केस तीन वर्ष छह माह बाद भी अदालत के निर्देश पर दर्ज किया गया है। अब पुलिस मामले की पड़ताल में जुट गई है।

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क्या है पूरा मामला

  • गौरतलब है कि थाना लोनी कटरा बाराबंकी के देवा पुर शिवनाम निवासी राम कुमार रावत की लड़की शीतू उर्फ लाली का विवाह 29 फरवरी 2012 को अर्जानी खेड़ा नगराम राम दुलारे के लड़के विनोद के साथ हुआ था।
  • जिसकी मौत संदिग्ध परिस्थितियों में 23/11/2014 को आग लगने से हो गयी थी।

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  • इस बाबत मृतका के पिता ने ससुराली पक्ष के लोगों पर सोने की चेन व एक लाख रुपये की मांग पूरी न होने पर दहेज प्रताड़ना सहित दहेज हत्या की तहरीर नगराम थाने पर दिया था।
  • कोई सुनवाई न होने पर पीड़ित पक्ष ने न्यायालय में वाद प्रस्तुत किया था।
  • अदालत द्वारा परीक्षण के बाद मुकदमा दर्ज करने का आदेश पारित किया था।

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  • थानाध्यक्ष नगराम संतोष कुमार सिंह ने बताया कि न्यायालय के आदेश पर अर्जानी खेड़ा निवासी विनोद कुमार राम दुलारे, प्रेमा संजय तथा समेसी नगराम निवासी लल्ला पंडित पर दहेज हत्या (Dowry murder)  का मुकदमा पंजीकृत कर मामले की जांच की जा रही है।

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