एक तरह प्रदेश के चित्रकूट जिले सहित बुन्देलखंड जिले में जल संकट की समस्या से लोग जूझ रहे हैं. लोगों के पास पीने का पानी तक नहीं हैं. वहीं इस बीच जिले से एक ऐसी तस्वीर सामने आई हैं जो, प्रशासन सहित अधिकारियों को भी शर्मसार कर दे.

चित्रकूट में पयजल संकट:

पेयजल संकट से जूझ रहे चित्रकूट जिले की कि एक तस्वीर किसी को भी विचलित कर सकती है. मामला चित्रकूट के अतिसंवेदनशील मारकुंडी क्षेत्र का है, जहाँ मौजूदा समय में भीषण पेयजल संकट है। लोग पीने के पानी के लिए कोसों मील चल कर जाते हैं, मां अपने बच्चों को गंदा पानी तक पिलाने को मजबूर हैं. क्षेत्र की स्थिति इतनी भयावर है कि लोग जिला छोड़ने तक को मजबूर हैं.

इन सब के बीच क्षेत्र के एक हैण्डपम्प में दशकों से ताला जड़ा हुआ हैं. बावजूद इसके ग्राम स्तर से लेकर जिला प्रशासन तक सभी हाथ पर हाथ धर बैठे हैं.

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ऐसी स्थिति में जहाँ सरकार ने लोगों की जल समस्याओं को हल करने के निर्देश दिए हैं, वहीं अधिकारियों और प्रशासन का यह रवैया बेहद शर्मनाक हैं.

फिलहाल जब ये मामला मीडिया के संज्ञान में आया और इस पर सवाल होने शुरू हुए तब हैंडपंप पर से ताला हत्या गया. लेकिन अब सवाल ये उठता है कि आखिर हैण्डपम्प भी किसी की व्यक्तिगत सम्पत्ति हो सकता, वो भी ऐसे भीषण गर्मी के दिनों में जब लोग एक एक बूँद के लिए मीलों भटक रहे हों।

प्रशासन और खासकर जनप्रतिनिधियो को ये चित्र देखकर थोड़ी शर्म तो महसूस करनी ही चाहिए. गौरतलब हैं की इससे पहले चित्रकूट में जल माफियाओं को लेकर भी uttarpradesh.org  ने खबर प्रसारित की थी. जिसके बाद अब हैंडपंप में ताला लगाना, ये सब जिम्मेदार अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लगाते हैं.

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