9 दिन भक्तों ने पूजा अर्चना के बाद शनिवार देर शाम तक जिले के अलग-अलग क्षेत्रों के अंतर्गत माँ दुर्गा की प्रतिमाओं का मोहरबा घाट, राप्ती नदी के भखला पुल और बाबा जंगल दास कुट्टी सहित अन्य घाटों पर विसर्जन किया गया। मां के भक्त डीजे के धुन पर थिरकते व अबीर गुलाल उड़ाते हुए दिखाई दिए।

कई क्षेत्रों में धूमधाम से हुआ विसर्जन:

विसर्जन के समय लोक मंगल की कामना भी की गई। जिला मुख्यालय पर स्थापित दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन पिपरापुल पर किया गया।

वहीं थाना क्षेत्र भिनगा के भंगहा बाजार, सरदारपुर,भवनिया नगर, नकहा, शिवराजपुर,एलहवा,मजगवां, गुलहरिया तथा थाना सोनवा क्षेत्र के गुजरवारा, पुरखीपुर डिहवा, कोलवारा,  भारीगांव, ककन्धू एवं थाना मल्हीपुर क्षेत्र के मटखनवा, लखैहा,हरदत्त नगर गिरन्ट, सुजानडीह, जमनुही, जय पत्तर पुरवा, मिर्ज़ापुर सहित कई गांवो की मूर्ति का विसर्जन देर रात तक राप्ती नदी के भखलापुल व जंगलदास कुट्टी पर किया गया।

साथ ही थाना क्षेत्र मल्हीपुर के ही इमलिया करनपुर से माँ दुर्गा की प्रतिमा गाजे बाजे के साथ भक्त नाजते गाते हुए मोहरबा घाट पहुचे.

ग्राम प्रधान और जिलाधिकारी ने की घाटों पर प्रकाश की व्यवस्था:

जहाँ आरती करने के बाद माँ दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन किया गया।

वही इस घाट पर अन्य जगहों की कई दुर्गा प्रतिमाओं का भी विसर्जन किया गया। घाट पर रोशनी की उचित व्यवस्था की गयी थी. ग्राम प्रधान और DM की पहल से चारों तरफ रोशनी की उचित व्यवस्था रही।

इस दौरान जिलाधिकारी दीपक मीणा व पुलिस अधीक्षक, क्षेत्राधिकारी व सम्बंधित क्षेत्र के थानाध्यक्ष, उपजिलाधिकारी भर्मणशील रहे।

इस अवसर पर भले ही प्रकाश की व्यवस्था प्रशासन द्वारा कराई गयी थी लेकिन विसर्जन स्थल से करीब 100 मीटर की दूरी पर ही प्रकाश था।

जिससे आगे जाने के लिए भक्तो को थोड़ा बहुत कष्ट उठाना पड़ा. विसर्जन में लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ दिखाई दी।

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