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कानून के राज्य में दण्ड से अधिक जरूरी है दण्ड का भय: डीएस तिवारी

AFT bar association

बार के अध्यक्ष डा.चेत नारायण सिंह ने एऍफ़टी बार में सभी सदस्यों की उपस्थिति में गणतंत्र-दिवस मनाते हुए कहा कि देश मानवता आधारित मूल्यों को प्राप्त करने के लिए आज के ही दिन अपनी नियति तय की थी। बार के महामंत्री विजय कुमार पाण्डेय ने गणतंत्र-दिवस के अवसर पर अपने उदगार व्यक्त करते हुए कहा कि स्वतन्त्रता-आन्दोलन की चरम-परिणति लिखित संविधान को आत्मार्पित करके 26 जनवरी 1950 को भारत द्वारा यह घोषित करना था कि हम संविधान द्वारा संचालित होंगे और इसकी सर्वोच्चता स्वीकार्य होगी, प्रत्येक व्यक्ति को लिखित मूल-अधिकार होंगें जिसका उल्लंघन राज्य नहीं कर सकेगा।

विजय कुमार पाण्डेय ने कहा कि 26 जनवरी की तिथि चयन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उस कदम का प्रतीक था। जब 26 जनवरी 1929 के लाहौर अधिवेशन में पूर्ण-स्वराज की घोषणा हुई। 1930 में औपनिवेशिक-राज्य के अधिराज्य दिए जाने संबंधी प्रस्ताव को ठुकरा कर पूर्ण-स्वराज दिवस मनाया गया था। यह राष्ट्रीय-पर्व इस बात का स्मरण कराता है कि हमने देश और देश के नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक एवं राजनितिक न्याय की गारंटी समता आधारित मूल्यों पर देने का वादा स्वयं से किया था। जिस पर चलकर हम उसे पूरा करने को तत्पर हैं और हमारी बार के सभी सदस्य पीड़ित, वंचित और कमजोर के साथ खड़े होकर अधिवक्ता कर्तव्य का पालन करने में तत्पर रहते हैं हर्ष का विषय है। उन्होंने एच पी टी 32 में खड़े होकर सभी को अभिवादन भी किया।

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उपाध्यक्ष भानु प्रताप सिंह ने संवैधानिक मूल्यों की प्राप्ति में अधिवक्ता समाज को उद्गम बिंदु बताते हुए कहा जब-जब देश ने पुकारा है। अधिवक्ता समाज कुर्बानी के लिए अग्रिम-कतार में खड़ा हुआ और आगे भी वह इसे जारी रखेगा। पूर्व-महामंत्री एवं वरिष्ठ अधिवक्ता डीएस तिवारी ने कहा कि देश अपने संवैधानिक मूल्यों के प्रति आस्थावान और निष्ठावान बना रहे। इसके लिए मौलिक-शर्त है आतंकवादी-मानसिकता और हिंसात्मक-मनोवृत्ति को परास्त करना क्योंकि किसी भी लोकतान्त्रिक-व्यवस्था में इनका कोई स्थान नहीं रहता। इसके लिए दण्ड से अधिक जरूरी है दण्ड का भय जिसके लिए हम सब को मिलकर कार्य करने की आवश्यकता है।

संयुक्त-सचिव पीके शुक्ला ने शिक्षा एवं स्वास्थ्य को बढ़ाकर समता आधारित समाज को प्राप्त करने पर बल दिया की मांग की गई थी। इसके पूर्व विभागाध्यक्ष माननीय न्यायमूर्ति एस.वि एस राठौर ने झंडारोहण किया और गार्ड का निरिक्षण किया। एऍफ़टी बार के महामंत्री ने बताया कि एक मुशायरे का आयोजन किया गया। जिसमें कवि चंचल, बाजपेयी, सुरेश पाण्डेय एवं वीपीएस वत्स ‘सुल्तानपुरी’ ने कविता पाठ किया। जिसमें देशभक्ति, ज्वलंत-विषय, हास्य-व्यंग्य एवं आंचलिक विषय शामिल थे वीपी एस वत्स ‘सुल्तानपुरी’ ने अपने जनपद की मिटटी की खुशबू को लोगों के बीच बिखेरा। कार्यक्रम में राजीव पाण्डेय, विशाल भटनागर, अनुराग मिश्रा, पारिजात बेलोरा, कविता मिश्रा, कविता सिंह, विनय पाण्डेय एवं आशीष कुमार सिंह उपस्थित थे।

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