[nextpage title=”कैराना ” ]

उत्तर प्रदेश के शामली जिले के इस कस्बे में आम लोगों की जिंदगी देखते देखते बदल गई। अपराधियों ने जिससे चाहा उससे रंगदारी वसूल लिया। बदमाशों की मांग ना मानने की कीमत अपनी जान देकर चुकानी पड़ी। इलाके में छोटे बड़े सभी व्यापारियों पर रंगदारी तय कर दी गई। 

उत्तर प्रदेश के कैराना में कई लोगों ने बताया कि हिंदू समुदाय के लोगों से रंगदारी और फिरौती मांगी जाती है और जो विरोध करता है उसकी हत्या कर दी जाती है।

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने इस मामले पर उत्तर प्रदेश सरकार को इस मामले में नोटिस जारी कर दिया है और उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव और डीजीपी से चार हफ्तों के अंदर जवाब मांगा है। इसके अलावा डीआईजी (इनवेस्टिगेशन) को मामले की जांच के लिए एक टीम गठित करने का आदेश दिया है।

कैराना से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्य जिन्हें जानना बहुत जरुरी है। 

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[nextpage title=”कैराना से जुड़े तथ्य ” ] 

  • शाही दौर मैं कैराना का महत्व रहा तो अंग्रेज़ी शासनकाल में शामली की बहुत उन्नति हुई, शामली का उस समय इस क्षेत्र का लड़ाइयों का केन्द्र होने के कारण यहां फौजी छाँवनियाँ बनाई गयी। जिससे चारों और फौज भेजी जा सके, इसी उन्नति की देन यहाँ पर कचहरी होना भी था।
  • जिस महल को कचहरी का रूप दिया गया वो 1857 की क्रांति में फौजी छावनी बन गया था। इस महल का मुख्य प्रवेश द्वार विशाल था।
  • जहां उस वक्त कचहरी हुआ करती थी आज उसी जगह पर सहारनपुर बस स्टैंड है।

  • ऐसी मान्यता है कि पुरातन काल में कैराना में ही दानवीर कर्ण का जन्म हुआ था और कैराना को कर्ण की नगरी भी कहा जाता रहा है।
  • भारत रत्न से सम्मानित होने वाले पंडित भीमसेन जोशी भी किराना घराना के गायक हैं जो की कैराना का ही एक संगीत घराना रहा।
  • उत्तर प्रदेश का कैराना गाँव पहले भारतीय शास्त्रीय संगीत के मशहूर किराना घराना के लिए जाना जाता था, जिसकी स्थापना महान शास्त्रीय गायक अब्दुल करीम खां ने की थी।
  • ऐसा कहा जाता कि अपने समय के महान संगीतकार मन्ना डे जब किसी काम से कैराना पहुंचे थे तो कैराना की सीमा में घुसने से पहले इस क्षेत्र का सम्मान करने के लिए उन्होंने अपने जूते उतारकर हाथों में पकड़ लिए थे। मन्ना डे से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह धरती महान संगीतकारों की है और इस धरती पर वो जूतों के साथ नहीं चल सकते।
इतिहास के पन्नों में कैराना का महत्व सदियों पुराना है लेकिन बड़े दुख की बात है कि आज ऐतिहासिक महत्व वाले इस शहर में आतंक और रंगदारी की वजह से हिन्दू परिवार पलायन कर रहे हैं। एक विशेष समुदाय के लोगों द्वारा रंगदारी की घटना से तंग आकर लोगों अपना आशियाना छोड़ दिया और दो साल में करीब 350 परिवार कैराना छोड़कर जा चुके हैं।
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