नियामक आयोग की उच्च स्तरीय जांच समिति ने अनमीटर्ड किसानों से अधिक वसूली पर सख्त रूख अपनाया, कार्पोरेशन प्रबन्धन को दिया निर्देश अधिक वसूल की गयी धनराशि उपभोक्ताओं के आगामी बिलों में अविलम्ब करायें समायोजित।
जांच समिति के बार-बार निर्देश के बाद भी अभी भी अधिक वसूली का आदेश लागू रखने पर कार्पोरेशन प्रबन्धन को दिये निर्देश, कहा दोषी अधिकारियों का उत्तरदायित्व निर्धारित कर प्रबन्धन करे कार्यवाही और 15 दिन में समिति को दे रिर्पोट।
बिलिंग एजेन्सी फ्लूएण्ट ग्रिड लि0 द्वारा जांच समिति के सामने सौंपे गये प्रपत्र में बड़ा खुलासा प्रदेश में 7 हजार 956 किसानों के ऐसे मामले आये सामने जिनके यहां बिना मीटर लगाये फेक मीटर नम्बर डालकर की गयी नारमेटिव आधार पर अधिक वसूली।
प्रदेश के हजारों अनमीटर्ड किसानों से सभी बिजली कम्पनियों में नियामक आयोग द्वारा तय टैरिफ से भिन्न नारमेटिव आधार पर अधिक वसूली के मामले में नियामक आयोग द्वारा गठित उच्च स्तरीय जांच समिति की बैठक सम्पन्न हुई, जिसमें नियामक आयोग के निदेशक टैरिफ डा0 अमित भार्गव, पावर कार्पोरेशन के मुख्य अभियन्ता आर0ए0यू0 श्री नीरज अग्रवाल व प्रदेश के उपभोक्ताओं के तरफ से जाचं समिति में शामिल सदस्य उ0प्र0 राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा उपस्थित थे। गौर तलब है कि यह मामला तब सामने आया था जब आयोग द्वारा बिजली दरों की सुनवाई में उपभोक्ताओं द्वारा यह मुद्दा उठाया गया कि नियामक आयोग द्वारा तय टैरिफ के तहत जिन अनमीटर्ड किसानों से 5 हार्सपावर पर रू0 834 वसूला जाना था, उनसे नियम विरूद्ध तरीके से नारमेटिव आधार पर रू0 3097 की वसूली की गयी और अभी भी की जा रही है। जिसको लेकर विगत दिनों आयोग द्वारा जांच समिति गठित की गयी थी।
फ्लूएण्ट ग्रिड लि0 के अधिकृत प्रतिनिधि द्वारा जांच समिति के सामने व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर सौंपे गये प्रपत्रों से बेहद चैंकाने वाले मामले सामने आये हैं। 7 हजार 956 किसानों के ऐसे मामले सामने आये जिनके यहां फेक मीटर संख्या डालकर डुप्लीकेट बिलिंग कर नारमेटिव आधार पर अधिक वसूली की गयी। सबसे बड़ा चैंकाने वाले मामला यह सामने आया कि जांच समिति द्वारा विगत माह में सभी प्रबन्ध निदेशकों को स्पष्ट रूप से दिये गये निर्देश के बावजूद अभी भी नारमेटिव आधार पर किसानों से आयोग द्वारा तय टैरिफ से भिन्न अधिक वसूली के मामले का पर्दाफाश हुआ है। बिलिंग एजेन्सी द्वारा सौंपे गये प्रपत्र में जनवरी 2018 में 11 हजार 951 ऐसे बिल सामने आये जिसमें नारमेटिव आधार पर अधिक वसूली की गयी है और आगे वर्तमान माह फरवरी 2018 में भी जारी है। जांच समिति द्वारा जब बिलिंग एजेन्सी के उपस्थित प्रतिनिधियों से सवाल जवाब किया गया तो उनके द्वारा लिखित तौर पर यह कहा गया कि अधीक्षण अभियन्ता आर0ए0पी0डी0आर0पी0 पार्ट ए एवं आई0टी0 पावर कार्पोरेश के निर्देश पर आयोग द्वारा तय टैरिफ से भिन्न नारमेटिव व्यवस्था बिलिंग में लागू की गयी। अभी तक उनके द्वारा बिलिंग व्यवस्था में बदलाव का निर्देश नहीं दिया गया, जिससे अनमीटर्ड  किसानों के बिलों में पूर्ववत वसूली नारमेटिव आधार पर अभी भी चल रही है।
जांच समिति ने मामले की गम्भीरता से लेते हुए पावर कार्पोरेशन प्रबन्धन को यह निर्देश दिया कि चूंकि अधीक्षण अभियन्ता आर0ए0पी0डी0आर0पी0 पार्ट ए एवं आई0टी0 द्वारा अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गयी। इसके दृष्टिगत पावर कार्पोरेशन प्रबन्धन मामले पर गम्भीरता दिखाते हुए नारमेटिव आधार पर किसानों से अधिक वसूल की गयी धनराशि को विद्युत उपभोक्ताओं के आगामी बिलों में अविलम्ब समायोजित कराये।
जांच समिति ने मामले की गम्भीरता को देखते हुए कार्पोरेशन प्रबन्धन को यह भी निर्देश दिया है कि जांच समिति के बार-बार निर्देश केे बाद भी नियम विरूद्ध नारमेटिव बिलिंग व्यवस्था को लागू कराने के लिये जो भी अधिकारी दोषी हैं। प्रबन्धन उनका उत्तरदायित्व निर्धारित कर कार्यवाही करे और कृत कार्यवाही से जांच समिति को 15 दिन में अवगत कराना सुनिश्चित करे।
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