बिजली विभाग के ठेकेदारों का कहना है कि अगर (Electricity department) यूपीपीसीएल सीएमडी आलोक कुमार की ओर से किये गए टेंडर निरस्तीकरण को कैंसिल नहीं किया गया तो सभी ठेकेदार शक्ति भवन में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठेंगे और आत्मदाह करेंगे।

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  • ठेकेदार सौरभ श्रीवास्तव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन के अधिकारियों की ओर से समय से सामान ही उपलब्ध नहीं कराया गया।
  • जबकि ठेकेदारों ने कई बार इसकी लिखित शिकायत भी की।
  • अधिकारियों की लापरवाही के चलते अभी तक जिलों मे कोई काम नहीं हो पाया है।

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उल्टा ठेकेदारों पर दोष मढ़ रहे अधिकारी

  • अब जब सीमएडी आलोक कुमार के साथ अधिकारियों की मीटिंग हुई तो अधिकारियों की ओर से उल्टा दोष ठेकेदारों पर मढ़ा जा रहा है, जोकि गलत है।
  • सौरभ श्रीवास्तव ने बताया कि उनके पास बलरामपुर और गोंडा जनपद का ठेका है।
  • इसी तरह अन्य ठेकेदारों के पास भी अन्य जिलों के ठेके हैं।
  • इसके तहत गांवों मे बिजली के खंभे, ट्रांसफार्मर, केबीसी केबिल सहित तमाम चीजें लगवानी थी।
  • लेकिन अधिकारियों की ओर से सामान ही नहीं उपलब्ध करवाया गया।
  • उन्होंने बताया कि इसकी जानकारी समय-समय पर चीफ इंजीनियर हसन शहीर, एमडी मध्यांचल राजवेदी, एसीएमएम एसके पाठक को दी गई।

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  • लेकिन इन अधिकारियों की ओर से कोई सुनवाई नहीं की गई।
  • जब सीएमडी आलोक कुमार ने काम न होने के बारे में पूछा तो इन अधिकारियों ने सारा दोष ठेकेदारों पर मढ़ दिया।
  • जबकि इसमें ठेकेदारों की कोई गलती नहीं है।
  • सौरभ श्रीवास्तव ने कहा कि सभी ठेकेदारों ने काम के लिए यूपीपीसीएल से 3 महीने का समय माँगा है।
  • तीन महीने में वह सभी जनपदों में काम पूरा कर देंगे।
  • उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि यूपीपीसीएल के अधिकारियों की ओर से जानबूझकर टेंडर निरस्त किये गए हैं ताकि दूसरी कंपनी को टेंडर दें और उससे मोटा कमीशन लिया जाय।
  • उन्होंने आरोप लगाया कि जिस कंपनी को अधिकारी टेंडर देने जा रहे हैं उसका रिकॉर्ड पहले से खराब रहा है।
  • उस कंपनी ने एक बार इसी तरह के काम में करोड़ों का घपला किया है।
  • सौरभ का कहना है कि जहाँ एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम योगी भ्र्ष्टाचार को ख़त्म करने की बात कहते हैं।
  • वहीं दूसरी ओर अधिकारियों की ओर से भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया जा रहा है।
  • सौरभ सहित सभी ठेकेदारों ने चेतावनी दी कि अगर टेंडरों का निरस्तीकरण कैंसिल न किया गया तो वह शक्ति भवन के बाहर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठेंगे और और आत्मदाह करेंगे।
  • इस बारे में यूपीपीसीएल के एमडी विशाल चौहान (Electricity department) का कहना है कि ठेकेदार ही पूरी तरह दोषी हैं, उन पर तो कार्रवाई होकर ही रहेगी।

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