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सरकारी विभागों के बिजली बिल बकाया पर ऊर्जा मंत्री ने दिया स्पष्टीकरण

सरकारी विभागों पर करोड़ों रूपये का बिजली बिल बकाया है जिसके चलते बिजली विभाग ने शनिवार को कई सरकारी भवनों की बत्ती गुल कर दी थी। वहीं प्रदेश के बड़े-बड़े दिग्गज नेता, मंत्री के भी आवासों पर भी करोड़ों का बकाया था, जिसमें से एक नाम उर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा का भी था। कनेक्शन काटे जाने के बाद सरकारी अमले में हड़कंप मच गया था। इस मामले की खबर Uttarpradesh.org ने प्रमुखता से प्रकाशित की थी, जिसका असर सोमवार को दिखा। इस बावत ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने सोमवार को प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर स्पष्टीकरण दी है।

प्रेस वार्ता के दौरान पूछे गए सवालों पर श्रीकांत शर्मा स्पष्टीकरण देते नजर आ रहे है। जब मीडिया ने उनसे सवाल जवाब करना शुरू किया तो अधिकतर सवालों से बचते नजर आए और अपनी ही राग अलापते रहे। जब उनसे पूछा गया कि प्रदेश के कई बड़े-बड़े नेताओं के ऊपर बिजली बिल बकाया है तो क्या सरकार आम लोगों की तरह ही इन नेताओं के ऊपर भी एफआईआर दर्ज करेगी? तो इस सवाल के जवाब से वह बचते नजर आए और जवाब दिया कि सरकार पर 10 हजार करोड़ का बिजली बिल बकाया है और बिजली विभाग 73 हजार करोड़ के घाटे में जा रही है। सरकार ने एक विभाग ने दूसरे विभाग को प्रतिबद्धता जताई है कि कुछ पैसा सोमवार को जमा हो जाएगा और बाकी का पैसा अगले हफ्ते जमा हो जाएगा।

जो बिजली का इस्तेमाल करेगा उसे बिल तो देना पड़ेगा

उर्जा मंत्री के खुद के आवास पर लाखों का बिल बाकी है इस प्रश्न के उत्तर में कहा कि जो भी व्यक्ति बिजली का इस्तेमाल करेगा उसे बिल तो देना पड़ेगा चाहे वो सरकार में मंत्री हो आम जनता हो बिजली बिल सबको भरना पड़ेगा। मैं भी सरकार में ही हूँ और उर्जा भी सरकार का एक अंग है और मुझे भी बिल भरना पड़ेगा। विभागों के ऊपर 10 से 15 साल का बिजली का बिल बकाया है।

बिजली विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए कई सरकारी संस्थानों की बिजली गुल कर दी है। जिसके बाद इन संस्थानों में हड़कंप मच गया है। बता दें कि बिजली विभाग ने एक सूची जारी की है जिसमें तमाम सरकारी विभागों के उपर करोड़ों का बिजली बिल बकाया है। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने कहा कि प्रदेश के सरकारी विभागों पर 10, 800 करोड़ रूपये का बकाया है और सरकार इन बकायों को अदा करने के बजाय घाटे के नाम पर बिजली के निजीकरण का निर्णय ले रही है।

आज बड़े सरकारी बकायेदारों को बिजली काटी गयी है, उनकी सूची निम्नवत है।
1. राज्य सम्पत्ति विभाग, न्यू विधायक निवास – 11,65,993 (11.65 लाख).
2. राज्य सम्पत्ति विभाग, दारुलसफा – 5,99,29,575 (5.99 करोड़).
3. इन्दिरा भवन – 1,73,94,319 (1.74 करोड़).
4. जवाहर भवन – 1,81,43,144 (1.81 करोड़).
5. राज्य अतिथि गृह, मीरा बाई मार्ग – 8,92,271 (8.92 लाख).
6. राज्य सम्पत्ति विभाग, अति विशिष्ट अतिथिगृह – 2,06,59,067 (2.06 करोड़).
7. राज्य सम्पत्ति विभाग, विशिष्ट अतिथिगृह डालीबाग – 3,02,13,902 (3.02 करोड़).
8. राज्य अतिथि गृह, विक्रमादित्य मार्ग – 58,22,056 (58.22 लाख).
कुल – 15,42,20,327 (15.42 करोड़).

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बकायदारों की है लम्बी लिस्ट

जब सरकारी विभागों पर ही हजारों करोड़ रूपये का बकाया है तो बिजली विभाग का घाटे में जाना लाजमी है। इन सरकारी विभागों पर बकाया रकम जानकर आप हैरान हो जाएंगे। पूरे प्रदेश में सरकारी भवनों पर लगभग 10,740 करोड़ रूपये का बकाया है। बिजली विभाग के घाटे में जाने के कारण सरकार ने बिजली विभाग को निजीकरण करने का फैसला लिया है। जिसके बाद निजीकरण के विरोध में विभाग ने सरकारी भवनों पर बकाया बिजली बिल वसूलना शुरू कर दिया है। बता दें कि बिजली बिल बकायदारों में सरकारी संस्थानों की लंबी लिस्ट है। इन संस्थानों द्वारा बिजली बिल भुगतान नहीं करने पर बिजली विभाग ने कनेक्शन काटने की कवायद शुरू कर दी है। जिस पर कदम उठाते हुए विभाग ने डालीबाग स्थित वीआईपी गेस्ट हाउस का कनेक्शन काट दिया है।

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जब सरकारी विभागों पर ही हजारों करोड़ रूपये का बकाया है तो बिजली विभाग का घाटे में जाना लाजमी है। इन सरकारी विभागों पर बकाया रकम जानकर आप हैरान हो जाएंगे। पूरे प्रदेश में सरकारी भवनों पर लगभग 10,740 करोड़ रूपये का बकाया है। बिजली विभाग के घाटे में जाने के कारण सरकार ने बिजली विभाग को निजीकरण करने का फैसला लिया है। जिसके बाद निजीकरण के विरोध में विभाग ने सरकारी भवनों पर बकाया बिजली बिल वसूलना शुरू कर दिया है। बता दें कि बिजली बिल बकायदारों में सरकारी संस्थानों की लंबी लिस्ट है। इन संस्थानों द्वारा बिजली बिल भुगतान नहीं करने पर बिजली विभाग ने कनेक्शन काटने की कवायद शुरू कर दी है। जिस पर कदम उठाते हुए विभाग ने डालीबाग स्थित वीआईपी गेस्ट हाउस का कनेक्शन काट दिया है।

मायावती आवास के भी कट सकते हैं कनेक्शन

बिजली विभाग ने घाटे के चलते आज बड़े अहम् कदम उठाये। आपको बता दें कि बिजली विभाग ने अस्पतालों और आवासों को छोड़कर सभी सरकारी संस्थानों बिजली बिल के बड़े बकायेदार हैं, ऐसे इमारतों को चुन-चुन कर कनेक्शन काटने की कार्यवाही शुरू की गयी। यह कार्यवाही बिजली विभाग के सुप्रीटेंडेंट इंजीनयर आरपी गुप्ता की निगरानी में की गयी। कार्यवाही करते हुए डालीबाग स्थित वीआईपी गेस्ट हाउस और कैंट रोड स्थित वीवीआईपी गेस्ट हाउस, जिनके 3 करोड़, व 2 करोड़ से अधिक बकायेदार है, कनेक्शन कनेक्शन काट दिया गया। इसी क्रम में राजभवन, लोक भवन और मायावती आवास भी बड़े बकायेदारों की लिस्ट में शामिल हैं, जिन पर कार्यवाही हो सकती है। आपको बता दें कि इसी तरह बिजली बिल बकायदारों में सरकारी भवनों की एक लंबी लिस्ट है।

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उर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा के आवास का भी बिजली का बिल बकाया

पूरे प्रदेश को अच्छी बिजली देने का वादा करने वाले उत्तर प्रदेश के उर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा के आवास का भी बिजली का बिल बकाया है। इतना ही नहीं कई माननीयों का भी बिजली बिल का भुगतान करना बाकी है। बता दें कि बिजली बिल के बड़े बकायदारों की सूची में कई न्यायधीश के साथ साथ पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ-साथ नेताजी मुलायम सिंह यादव के आवास का भी भुगतान करना बाकी है।

किस पर कितना बकाया

निजीकरण के विरोध में उठाया गया यह कदम

वहीं मामले पर बिजली विभाग के अधिकारियों का कहना है कि सरकारी इमारतों पर इतना बकाया इसलिए है क्योंकि पहले कभी सरकारी संस्थानों के कनेक्शन काटने के आदेश होते थे, तो मुख्यालय पर कई फ़ोन आते थे और कनेक्शन न काटने का दबाव बनाया जाता था।सरकार का तर्क है कि घाटे की वजह से निजीकरण किया जा रहा है, और जब पूरे उत्तर प्रदेश में सिर्फ सरकारी संस्थानों पर लगभग 10700 करोड़ का बकाया है तो घाटा तो होगा ही। इसी क्रम में निजीकरण के विरोध में यह कदम उठाया गया।

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